वरिष्ठ नागरिक का परित्याग करना दंडनीय अपराध
लखीसराय। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में जिला सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार
लखीसराय। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में जिला सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष मदन किशोर कौशिक की अध्यक्षता में उनके न्यायालय कक्ष में बुधवार को पारा लीगल वोलेनटियर को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव उमाशंकर ने किया। इस अवसर पर जिला सत्र न्यायाधीश श्री कौशिक ने पारा लीगल वोलेनटियर को कानूनी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नालसा के अंतर्गत विधिक सेवा योजना 2016 अंतर्गत माता-पिता वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण कल्याण अधिनियम 2007 के तहत उनके बच्चे अथवा संबंधी को भरण-पोषण भत्ता के रूप में दस हजार रुपये प्रतिमाह तक की राशि का भुगतान करने का आदेश दिया जा सकता है। न्यायाधिकरणों को भरण-पोषण संबंधी आवेदन का निर्णय 90 दिनों की अवधि में करना अनिवार्य है। वरिष्ठ नागरिक का परित्याग करना दंडनीय अपराध है। उन्होंने किशोर न्यायालय, बालकों की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम 2015 तथा बालकों के अन्य अधिकार के संबंध में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सबको न्याय मिले एवं सबका समुचित विकास हो, इसके लिए सबको मिलकर कार्य करना जरूरी है। पारा लीगल भोलेनटियर समाज के सेवक होते हैं। वे लोग अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं, क्षेत्र में होने वाले गैर कानूनी कार्यों, बच्चियों, महिलाओं एवं वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ होने वाले असंवैधानिक कार्यों की जानकारी लीगल एड क्लीनिक के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकार को दें। शिविर में अधिवक्ता उमाशंकर ¨सह, संजय सुमन भारती, अनंत कुमार सिन्हा, रिटेनर अधिवक्ता रजनीश कुमार, राजीव कुमार रंजन, विजय ¨सह, जेल मिजिटर अधिवक्ता बासुकी नंदन ¨सह, पैनल अधिवक्ता रंजीत कुमार पवन, कुमार जटाशंकर, विपिन कुमार, मुन्ना कुमार, राकेश मंडल आदि मौजूद थे।