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दिघवा पोखर पर अतिक्रमण कर बना लिया मकान

लखीसराय। तालाबों के अस्तित्व से खिलवाड़ करने में लोगों ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसके कारण शहर में ताल

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Jun 2017 01:01 AM (IST)Updated: Wed, 21 Jun 2017 01:01 AM (IST)
दिघवा पोखर पर अतिक्रमण कर बना लिया मकान
दिघवा पोखर पर अतिक्रमण कर बना लिया मकान

लखीसराय। तालाबों के अस्तित्व से खिलवाड़ करने में लोगों ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसके कारण शहर में तालाबों की समृद्ध परंपरा लोगों के स्वार्थ की भेंट चढ़ती जा रही है। कई तालाबों ने अपना अस्तित्व भी खो दिया है। प्राकृतिक जल संरक्षण के स्त्रोत के साथ खिलवाड़ के कारण शहर पेयजल की समस्या से जूझने लगा है। इसके अस्तित्व को बचाने के लिए आम लोगों के साथ प्रशासनिक संवेदना नहीं जागी तो भविष्य में पेयजल की गंभीर संकट से जूझना पड़ेगा। हालात तालाबों की अगली पड़ताल में शहर के दिघवा पोखर की हालात पर चर्चा की जा रही है। नगर परिषद क्षेत्र की वार्ड संख्या 29 मकुना गांव स्थित दिघवा पोखर को अतिक्रमणकारियों की जबर्दस्त मार झेलनी पड़ी है। तीन एकड़ में फैले तालाब का इस कदर अतिक्रमण हुआ कि अब मात्र एक एकड़ में यह सिमटा है। कभी तालाब के पानी को मकुना गांव के लोग दैनिक कार्य के उपयोग में लाते थे। साथ ही तालाब से खेतों का पटवन किया जाता था। पशुपालकों के लिए तालाब काफी उपयोगी था। लेकिन हाल के दिनों में तालाब के दोनों ओर से अतिक्रमण कर लोगों ने बड़े-बड़े मकान बना लिए हैं। घरों की गंदगी तालाब को दूषित कर रहा है। जागरण के तालाश तालाबों की अभियान के बाद पिछले वर्ष जिला प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के लिए तालाब की मापी कराई। एक वर्ष बीत जाने के बाद भी न तो अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध नोटिस की कार्रवाई हुई न ही अतिक्रमण हटाने की दिशा में कोई पहल की गई। हाल यह है कि तालाब पर अतिक्रमण लगातार जारी है। सरकारी तालाब के कारण उसका टेंडर होता है। टेंडर लेने वाले संवेदक के द्वारा कभी कभार मछली पालन के लिए सफाई कराई जाती है।

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क्या कहते हैं अधिकारी

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जिलाधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि तालाबों पर अतिक्रमण के चलते शहर में जल संकट की गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है। तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए जिला प्रशासन ने मापी कराई है। शीघ्र ही अतिक्रमण हटाने की दिशा में ठोस कार्रवाई की जाएगी।


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