एडीबी बैंक शाखा के अस्तित्व पर खतरा, उपभोक्ताओं में बढ़ी बेचैनी
लखीसराय : किसानों के हित के लिए शहर के पुरानी बाजार स्थित चितरंजन रोड में खोला गया भारतीय स्टेट बैंक
लखीसराय : किसानों के हित के लिए शहर के पुरानी बाजार स्थित चितरंजन रोड में खोला गया भारतीय स्टेट बैंक के कृषि विकास शाखा (शाखा कोड - 3599) के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। बैंक के वरीय अधिकारियों द्वारा बैंक शाखा को नया बाजार स्थित एसबीआई की मुख्य शाखा में मर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है। अगले किसी माह तक इस मामले में पहल करते हुए शाखा के अस्तित्व को समाप्त किया जा सकता है। बताया जाता है कि कृषि कार्यों के लिए खोली गई बैंक अब अपनी उपयोगिता खो रहा है। बैंक शाखा की ऋण लेने-देन, एसीपी की स्थिति काफी दयनीय है। बैंक के ऑडिट में व्यापक गड़बड़ी की शिकायत सामने आई है। बैंक के अधिकारी इस समस्या को लेकर बैंक को मुख्य शाखा में मर्ज करने की पहल कर रहे है। इस सूचना से बैंक उपभोक्ताओं में खासा आक्रोश देखा जा रहा है। इसके विरोध में उपभोक्ता एकजुट हो रहे हैं जो कभी भी आंदोलन का रूप ले सकता है। जानकारी के अनुसार, वर्ष 1975 में तत्कालीन लखीसराय प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले पिपरिया, लखीसराय, रामगढ़ चौक प्रखंड क्षेत्र के किसानों की सुविधा के लिए एसबीआई एडीबी शाखा खोली गई। कृषि कार्य के लिए ऋण एवं जमा निकासी की सुविधा उपलब्ध कराई गई। शहर के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की सबसे अधिक बैंक खाता इस बैंक में है। साथ ही शहर की आधी आबादी इस बैंक से जुड़ी है। शाखा मर्ज करने की प्रक्रिया से खाताधारकों को परेशानी झेलनी पड़ेगी।
मुख्य शाखा पर बढ़ेगा बोझ, उपभोक्ता को होगी परेशानी
शहर के नया बाजार स्थित एसबीआई की मुख्य शाखा में 34 हजार खाताधारक हैं। एडीबी के खाताधारकों को मर्ज करने पर उसकी संख्या करीब 96 हजार हो जाएगी। ऐसे में मुख्य शाखा में उपभोक्ताओं का लोड काफी बढ़ जाएगा। खाता के संचालन करने के साथ जमा निकासी में लोगों को परेशानी होगी है। फिलहाल मुख्य शाखा में जितने खाताधारक हैं उसी में पूरे दिन माहौल अस्त व्यस्त रहता है। एडीबी शाखा मर्ज करने के बाद परेशानी और बढ़ जाएगी। इसके अलावा मुख्य शाखा के पास पार्किंग का भी अभाव है। सड़कों पर भी जाम लगा रहता है।
क्या कहते हैं अधिकारी
भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के वरीय शाखा प्रबंधक सुधीर कुमार ने बताया कि एडीबी बैंक शाखा की व्यवस्था में खामी को लेकर मर्ज करने की चर्चा चल रही है। इस मामले में कोई लिखित निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। कृषि उपयोगिता की ²ष्टिकोण से एडीबी बैंक शाखा की उपयोगिता नहीं रह गई है। बैंक द्वारा इस क्षेत्र में उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए ई कॉर्नर एवं पर्सनल बैं¨कग शाखा खोलने की योजना पर कार्य चल रहा है।
खाताधारकों की सुविधा के लिए बैंक की है योजना
एडीएबी बैंक शाखा को मर्ज कर देने के बाद खाताधारकों की परेशानी को दूर करने के लिए एसबीआई की योजना पुरानी बाजार में पर्सनल बैं¨कग शाखा एवं ई-कार्नर खोलने की है। पर्सनल बैं¨कग शाखा में पांच हजार रुपये की कम राशि से खाता नहीं खुलेगा। शाखा में सारी सुविधा रहेगी। खाताधारकों के मनोरंजन के लिए अखबार, टीवी की सुविधा के साथ ही बेहतर सुविधा के लिए कर्मचारी रहेंगे। खाता धारक के आते ही उनकी खातिरदारी के साथ सेवा दी जाएगी। वहीं ई-कार्नर में अत्याधुनिक सुविधा रहेगी। एटीएम मशीन, क्वाइप बें¨डग मशीन, चेक एवं नकद राशि जमा करने की मशीन होगी। तमाम तरह के बैं¨कग कार्य के लिए मशीनें उपलब्ध रहेगी।
क्या कहते हैं खाताधारक
पुरानी बाजार निवासी खाताधारक सचिदानंद ¨सह उर्फ सच्चू ¨सह ने बताया कि बैंक शाखा को मुख्य शाखा में मर्ज कर देने से खाताधारक को काफी परेशानी होगी। काफी दूर से ग्रामीण इस बैंक में बैं¨कग कार्य कराने आते हैं। नया बाजार मुख्य शाखा जाने में सड़क जाम की समस्या के अलावा, पार्किंग, अधिक संख्या में उपभोक्ता हो जाने से लेन-लेन में परेशानी का सामना करना होगा। मर्ज करने के विरोध में बैंक के पटना स्थित प्रधान कार्यालय के मुख्य प्रबंधक से शिकायत की गई है। इसके खिलाफ आंदोलन भी होगा।
एसबीआई एडीबी शाखा संबंधी खास बातें
62 हजार हैं बैंक खाताधारक
01 करोड़ रुपये से अधिक की प्रतिदिन जमा निकासी
90 प्रतिशत खाताधारक ग्रामीण क्षेत्र के किसानों का
1975 में हुई बैंक शाखा की स्थापना
15 हजार बुजुर्ग पेंशनधारकों की है खा