Move to Jagran APP

लाभार्थी के खाते में नहीं गई राशि तो नपेंगे प्रधानाध्यापक

लखीसराय : सरकारी स्कूलों में चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 में लाभार्थी आधारित योजनाओं की धीमी प्रगति पर

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Mar 2017 06:43 PM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2017 06:43 PM (IST)
लाभार्थी के खाते में नहीं गई राशि तो नपेंगे प्रधानाध्यापक

लखीसराय : सरकारी स्कूलों में चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 में लाभार्थी आधारित योजनाओं की धीमी प्रगति पर राज्य शिक्षा विभाग ने सख्त कदम उठाया है।

loksabha election banner

शनिवार को सरकार के विकास आयुक्त एवं शिक्षा विभाग के सचिव जितेन्द्र श्रीवास्तव ने वीडियो कांफ्रें¨सग के जरिए जिलाधिकारी समेत शिक्षा पदाधिकारियों के साथ जिले में अब तक लाभुक आधारित योजनाओं की राशि निकासी एवं वितरण की समीक्षा की। इस दौरान जिलाधिकारी सुनील कुमार के साथ प्रभारी डीईओ विजय कुमार मिश्र, योजना-लेखा डीपीओ परशुराम ¨सह, पीओ प्रेम रंजन, वीडियो कांफ्रें¨सग में मौजूद थे। विकास आयुक्त ने डीएम व शिक्षा पदाधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि साइकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति व अन्य लाभुक आधारित योजनाओं की आवंटित राशि 31 मार्च के बाद किसी भी कीमत पर निकासी नहीं होगी। अगर कोई प्रधानाध्यापक 31 मार्च के बाद राशि की निकासी कर लाभार्थी के बैंक खाते में आरटीजीएस करेगा तो संबंधित विद्यालय प्रधानाध्यापक के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीपीओ योजना एवं लेखा परशुराम ¨सह ने बताया कि जिले में अब तक 83 फीसद राशि की निकासी कर ली गई है। सभी प्रधानाध्यापकों को हर हाल में 31 मार्च से पहले लाभार्थी के खाते में राशि भेजने का निर्देश दिया गया है। 27 मार्च को कार्यालय कक्ष में सभी बीईओ एवं डीडीओ की बैठक कर इसकी समीक्षा की जाएगी।

----

जिले में लाभुक आधारित योजना राशि का आंकड़ा

कुल प्राप्त राशि - 13 करोड़ 23 लाख 44 हजार 700 रुपये

निकासी - 11 करोड़ 45 लाख 7 हजार 200 रुपये

परिभ्रमण व नेपकिन योजना - 13 लाख की राशि की निकासी प्रक्रियाधीन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.