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पुराने जर्जर पुल पुलिया की शासन नहीं ले रहा सुध

लखीसराय। चारों ओर से सड़क मार्ग से घिरे इस जिले में दर्जनों की संख्या में पुल- पुलिया वाहनों का बोझ उ

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Mar 2017 01:54 AM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2017 01:54 AM (IST)
पुराने जर्जर पुल पुलिया की शासन नहीं ले रहा सुध

लखीसराय। चारों ओर से सड़क मार्ग से घिरे इस जिले में दर्जनों की संख्या में पुल- पुलिया वाहनों का बोझ उठा रही है। इस कारण अधिकांश पुल -पुलिया जर्जर हालत में पहुंच गई है। देखभाल के अभाव में ये पुल पुलिया ने कभी दम तोड़ा तो न सिर्फ बड़ा हादसा संभव है बल्कि जिले का आवागमन कई क्षेत्रों से कट जाएगा। पुलों की स्थिति देखकर यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि इन पुल पुलियों की बदहाली दूर करने के प्रति कभी भी न तो जिला प्रशासन और न ही जिले के प्रतिनिधि गंभीर हुए हैं। यही कारण है कि मुख्य सड़क मार्ग पर वर्षों पुराने बने पुल अंतिम सांस ले रहा है। रख रखाव के अभाव में नए पुल भी जर्जर होने के कगार पर आ गया है। ग्रामीण क्षेत्रों की बात छोड़ दें तो एनएच एवं एसएच पर बने पुलों की स्थिति भी दयनीय है। पुराने जर्जर सड़कों की मरम्मत तो कराई गई लेकिन पुल पुलिया को उसके हाल पर छोड़ दिया गया। लखीसराय से बड़हिया के बीच एनएच 80 पर ऐसे आधा दर्जनों पुल हैं जो मरम्मत के अभाव में जर्जर है। एनएच का चौड़ीकरण किया गया लेकिन पुलों की स्थिति में बदलाव नहीं किया गया। इसके अलावा लखीसराय से मुंगेर, शेखपुरा, जमुई, सिकंदरा की तरफ जाने वाले सड़क मार्ग में दर्जनों की संख्या में जर्जर पुल हैं। पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता राजेश मांझी ने बताया कि सड़क के निर्माण के साथ आवश्यकता के अनुसार पुल भी बनाए जाते हैं। पुल निर्माण का जिम्मा दूसरे विभाग के जिम्मे होता है। इसलिए तकनीकी परेशानी भी रखरखाव एवं मरम्मत को लेकर होती है।


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