सतसंग मनुष्य को मानवता का ज्ञान कराती-साध्वी
लखीसराय। सदगुरु आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी महामाया भारती ने कहा है कि सतसंग दुष्ट प्रवृतियों के
लखीसराय। सदगुरु आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी महामाया भारती ने कहा है कि सतसंग दुष्ट प्रवृतियों के मानव को भी बदल देता है। तुलसी दास जी ने भी कहा है कि सठ सुधर¨ह संतसंगत पाई, वारस परस कुधातु सुहाई तात्पर्य पारस के स्पर्थ से कुधातु माना जाने वाला लोहा जिस प्रकार स्वर्ण बन सकता है उसी प्रकार सतसंगति मनुष्य को मानवता का ज्ञान कराती है। उन्होंने कहा कि परमात्मा को जानना और उसके बारे में जानना दोनों में बहुत अंतर है।
साध्वी महामाया भारती शनिवार को श्री रामचरित मानस एवं गीता ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन अपने प्रवचन में कहीं। कार्यक्रम का उद्घाटन मुंगेर के उपसमाहर्ता सह आयुक्त के सचिव विपिन कुमार यादव ने दीप प्रज्वलित कर किया। यजमान के रूप में मनीष कुमार शर्मा मौजूद थे। प्रवचन कार्यक्रम को आने बढ़ाने हुए स्वामी धनश्यामनंद ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी अपने कर्त्तव्य कर्म से भटक चुकी है। जीवन के लक्ष्य की ओर अग्रसर नहीं है। मात्र धन उपार्जन करना ही जीवन का लक्ष्य रह गया है। चरित्र से हीन होकर जीवन को पतन की ओर ले जा रहा है। साध्वी समीक्षा भारती जी ने कहा कि मनुष्य जबतक अपने भीतर ईश्वर से जुड़ता तबतक गलत व्यसनों में ही सुख, शांति की तलाश करता रहा है। उन्होंने कहा कि आत्मा परमात्मा चर्चाओं का विषय नहीं है। उसका दर्शन संभव है। परंतु उसके लिए दिव्य ²ष्टि चाहिए। यह तब संभव हो पाता है जब पूर्ण सतगुरू ज्ञानदीक्षा की घड़ी में दिव्य ²ष्टि प्रदान कर आत्म ज्योति का दर्शन करवाते है। तब मनुष्य श्रेष्ठ कर्मो को करते हुए मोक्ष पद की ओर अग्रसर होता है। कार्यक्रम में गोपाल जी,खुशबू जी, सुनीता भारती ने संगीत मय भजनों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्री जगजज्जनी दुर्गा समिति के सचिव सुरेश ड्रोलिया डॉ. दीपक कुमार, अर¨वद सोनी, कृष्ण मुरारी वर्मा, बरूण कुमार, बंटी डालमियां, गोल्डी शर्मा, कृष्ण कुरानी वर्मा, बबलू शर्मा, अमरजीत कुमार आदि कार्यकर्ता कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे रहे। श्रोताओं के लिए आयोजन समिति द्वारा निश्शुल्क चाय एवं पेयजल की व्यवस्था की गई है।