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नौजवानों के भविष्य को चौपट कर रही राज्य सरकार : कुशवाहा

संवाद सहयोगी, लखीसराय : केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सह राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष

By Edited By: Published: Wed, 25 Mar 2015 01:58 AM (IST)Updated: Wed, 25 Mar 2015 01:58 AM (IST)
नौजवानों के भविष्य को चौपट कर रही राज्य सरकार : कुशवाहा

संवाद सहयोगी, लखीसराय : केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सह राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि राज्य सरकार किसानों एवं नौजवानों का भविष्य चौपट कर रही है। शिक्षा के क्षेत्र में नीतीश कुमार द्वारा किए गए नुकसान को लेकर इतिहास भी उन्हें माफ नहीं करेगा। धान अधिप्राप्ति के नाम पर किसानों को ठगा जा रहा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ बिचौलिया उठा रहे हैं। केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री कुशवाहा मंगलवार को 05 अप्रैल को पटना में आयोजित किसान-नौजवान महारैली की तैयारी को ले जिला अतिथि गृह में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। साथ में रालोसपा के प्रदेश सचिव विनोद कुशवाहा, रविरंजन चौधरी, जिलाध्यक्ष श्याम किशोर सिंह, जिला प्रवक्ता संतोष कुमार सिन्हा भी मौजूद थे। केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री कुशवाहा ने कहा कि बिहार में 80 से 85 फीसद लोग किसान हैं। लेकिन राज्य सरकार इनकी उपेक्षा कर रही है। किसानों को सब्जबाग दिखाया जा रहा है। किसान औने पौने दाम पर अनाज बेचने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था की पूरे देश में छिछालेदर हो रही है। नीतीश ने शिक्षा के लिए काफी बातें कही लेकिन कोई कार्य नहीं किया। बिहार में शिक्षा व्यवस्था चौपट होने के कारण नौजवानों का भविष्य बर्बाद हो रहा है। दूसरे राज्यों में बिहार के बच्चे बेहतर कार्य कर रहे हैं वहीं यहां शिक्षा पाकर भी रोजी रोटी की व्यवस्था नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों एवं नौजवानों की बेहतरी एवं केंद्र की तरह राज्य में विकास की सरकार बनाने के लिए पटना के गांधी मैदान में 05 अप्रैल को किसान-नौजवान महारैली का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने रैली में जाति धर्म से उपर उठकर बिहार में परिवर्तन के लिए भाग लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रशासन एवं राच्य सरकार द्वारा जमीन नहीं दिये जाने के कारण केन्द्रीय विद्यालय लखीसराय बंदी के कगार पर आ गया है जो काफी दुखद है। जमीन के लिए राज्य सरकार सहयोग नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि विद्यालय बंद हो लेकिन कब तक अंतिम सांस पर रहेगी। उन्होंने विद्यालय की जमीन के लिए लखीसराय के जिलाधिकारी से मोबाइल पर बात भी की। उन्होंने कहा कि वर्ष 1987-88 में स्थापित राज्य का पुराना व लखीसराय का इकलौता केन्द्रीय विद्यालय बंद होने के कगार पर है।

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