मंडराने लगी अकाल की काली छाया
संस., लखीसराय : मानसून की बेरूखी के कारण जिले में अकाल की काली छाया मंडराने लगी है। जिले में खरीफ फसल लगाने के निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध अबतक मात्र 27.74 फीसद खरीफ फसल लगाया जा सका है। जिसमें से मकई एवं हरी सब्जी की अधिकांश फसल जलजमाव के कारण नष्ट हो गई है। सबसे दयनीय स्थिति धान फसल की है। जिले में धान लगाने के निर्धारित लक्ष्य 35,000 हेक्टेयर के विरूद्ध अबतक मात्र 1,669 हेक्टेयर यानि मात्र 4.76 फीसद ही धान का फसल लगाया जा सका है। जिले में अनियमित वर्षा होने के कारण खरीफ फसल की दयनीय स्थिति है। जून माह में सामान्य वर्षा 175.3 मिली मीटर के विरूद्ध मात्र 113.9 मीली मीटर ही वर्षा हो पाई है। उसमें शुरूआती दौर में जबर्दस्त वर्षा होने के कारण जलजमाव होने से खरीफ फसल की बुआई प्रभावित हुई। उसके बाद काफी कम वर्षा हुई। कमोवेश स्थिति जुलाई माह की भी यही है।
फसलवार खरीफ फसल लगाने का निर्धारित लक्ष्य व उपलब्धि
धान
लक्ष्य - 35,000 हेक्टेयर
उपलब्धि - 1669.2 हेक्टेयर
फीसद - 4.76 फीसद
मकई
लक्ष्य - 11,000 हेक्टेयर
उपलब्धि - 10,425 हेक्टेयर
फीसद - 94.77 फीसद
अरहर
लक्ष्य - 800 हेक्टेयर
उपलब्धि - 620 हेक्टेयर
फीसद - 77.5 फीसद
तिल
लक्ष्य - 25 हेक्टेयर
उपलब्धि - 22 हेक्टेयर
फीसद - 88 फीसद
सूर्यमुखी
लक्ष्य - 100 हेक्टेयर
उपलब्धि - 71 हेक्टेयर
फीसद - 71 फीसद
अंडी
लक्ष्य - 50 हेक्टेयर
उपलब्धि - 41 हेक्टेयर
फीसद - 82 फीसद
हरी सब्जी
लक्ष्य - 300 हेक्टेयर
उपलब्धि - 266 हेक्टेयर
फीसद - 88 फीसद
यानि खरीफ फसल लगाने के निर्धारित लक्ष्य 47,275 हेक्टेयर के विरूद्ध 13,114 हेक्टेयर में फसल लगाया गया है।
क्या कहते हैं पदाधिकारी
जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार की मानें परती जमीन में आकस्मिक फसल योजना के तहत उड़द, अरहर आदि फसल लगाई जाएगी। हालांकि सरकार द्वारा इस संबंध में कोई दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। इसके अलावा धान की फसल को बचाने के लिए डीजल अनुदान की व्यवस्था की गई है।