रेलवे क्रासिंग सुरक्षित नहीं, हादसे की संभावना
- किऊल-झाझा एवं किऊल जमालपुर रेलखंड अंतर्गत एक दर्जन से अधिक रेलवे क्रासिंग
- गेट मेन के भरोसे सुरक्षा, हादसे के बाद रेल प्रशासन की खुलती नींद
संस., लखीसराय : तेलंगाना के मेढक जिले में स्कूल बस एवं ट्रेन के बीच हुई टक्कर 20 स्कूली बच्चों की मौत की घटना से हर कोई स्तब्ध है। लखीसराय जिला अंतर्गत किऊल-झाझा एवं किऊल-जमालपुर रेलखंड के बीच एक दर्जन से अधिक रेलवे क्रासिंग है। जहां की सुरक्षा गेट मेन के भरोसे है। इन रेलवे क्रासिंग को पार करते समय हमेशा दुर्घटना एवं हादसे की संभावना बनी रहती है। हालांकि अबतक इन रेलवे क्रासिंग पर स्कूली बस के ट्रेन से टकराने की घटना नहीं घटी है। जानकारी के अनुसार किऊल-झाझा रेलखंड अंतर्गत किऊल-महेशलेटा के बीच बिछवे, वंशीपुर स्टेशन के पास, गोहरी हाल्ट के पास, तितायचक मानपुर हाल्ट के पास, मननपुर स्टेशन के पास, बसुआचक हाल्ट के पास, चुरामनबीघा गांव के पास, शहीद जितेन्द्र हाल्ट के पास खुला रेलवे क्रासिंग है। इसके अलावा किऊल-जमालपुर रेलखंड अंतर्गत धनौरी स्टेशन के पास, धनौरी-पवय के बीच दैताबांध गांव के पास, कजरा स्टेशन के पास, अभयपुर-बरियारपुर के बीच, रामपुर हाल्ट के पास रेलवे क्रासिंग है। जहां वाहन सहित आबादी का आवागमन दिन-रात होता है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से इन रेलवे क्रासिंगों पर रेलवे द्वारा एक-एक गेट मेन की तैनाती की गई है। जो ट्रेन के आने से पूर्व फाटक को बंद करता है। इसके अलावा वहां सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। धनौरी-पवय के बीच दैताबांध रेलवे क्रासिंग के पास कुछ माह पूर्व एक सवारी वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हालांकि इसमें किसी के जानमाल की क्षति नहीं हुई। रेलवे के अधिकारी की मानें तो रेलवे क्रासिंग पर तैनात गेट मेन के उपर जिम्मेदारी दी गई है कि ट्रेन के गुजरने से पूर्व फाटक बंद कर दिया जाए तथा ट्रेन के गुजरने के बाद ही फाटक खोला जाए। हालांकि कई मौके पर रेलवे क्रासिंग पर फाटक खुला रहने के कारण लोग दौड़कर रेलवे लाइन को पार करते नजर आते हैं। इन रेलवे क्रासिंग क्षेत्रों से स्कूली वाहनों का आवागमन नहीं होता है।