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मच्छरों का प्रकोप, जीना हुआ मुहाल

By Edited By: Published: Sun, 20 Apr 2014 05:33 PM (IST)Updated: Sun, 20 Apr 2014 05:33 PM (IST)
मच्छरों का प्रकोप, जीना हुआ मुहाल

संस., लखीसराय : गर्मी का मौसम शुरू होते ही शहर में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। विभिन्न वार्डो के मुहल्लो में जमी गंदगी और जलजमाव मच्छरों के लिए अनुकूल माहौल बना रहा है। मच्छरों का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि लोगों में मलेरिया, मस्तिष्क ज्वर व फाईलेरिया जैसी बीमारी फैलने की आशंका बढ़ रही है। बावजूद नगर परिषद मच्छर नियंत्रण के लिए अभी तक खानापुरी करने में जुटा है। हालांकि सफाई कर्मी जितेन्द्र रावत की मानें तो लोकसभा चुनाव पूर्व कई इलाके में फांगिग कराई गई है। लेकिन दावों के बीच जमीनी हकीकत यह है कि मच्छरों के आतंक से बचाने के लिए खरीदे गए फांगिग मशीन कमरे में बंद है और मच्छर खून पी रहा है। मच्छरों का प्रकोप बढ़ने का मुख्य कारण शहर के नालों में जमा गंदा पानी, कचरे की ढेर, आवारा पशुओं का खुलेआम विचरण तथा मुहल्ले में जलजमाव है। शहर के इंगलिश मुहल्ला वार्ड नंबर 2, 3, 4, 5, 12, 13 पचना रोड, चितरंजन रोड, कबैया रोड, पश्चिमी कार्यानंद नगर आदि इलाके में लोग मच्छर से त्रस्त हैं। जानकारी के अनुसार हाल के वर्षो में नगर परिषद या स्वास्थ्य विभाग द्वारा शहर में कब और किस मुहल्ले में डीडीटी का छिड़काव करवाया है इसकी जानकारी शहर के लोगों को नहीं है। नगर परिषद द्वारा पूर्व में चार फांगिग मशीन खरीदे गए जो खराब पड़े हैं। हाल के दिनों में दो नए फांगिग मशीन खरीदे गए। लेकिन मशीन चालक के अभाव में फांगिग मशीन शोभा बना हुआ है। वार्ड पार्षदों के विशेष प्रयास से कुछ माह पूर्व फांगिग मशीन शहर के सड़कों पर कुछ हिस्सों में नजर जरूर आई फिर भी मच्छर नहीं भागा। डा. अशोक कुमार सिंह की मानें तो मच्छर के काटने से कई रोग होते हैं। यह मच्छर गंदे पानी और कूड़ा-कचरा पर अपना घर बनाते हैं। इसके बचाव के लिए घरों को साफ-सुथरा रखें, घर के आसपास कूड़ा न जमा होने दें तथा मच्छरदानी लगाकर सोएं।


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