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जलस्तर में गिरावट, पानी के लिए हाहाकार

किशनगंज। जून जैसी गर्मी अप्रैल में होने से प्रखंड क्षेत्र में जलसंकट की समस्या उत्पन्न हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Apr 2017 05:23 PM (IST)Updated: Wed, 26 Apr 2017 05:23 PM (IST)
जलस्तर में गिरावट, पानी के लिए हाहाकार

किशनगंज। जून जैसी गर्मी अप्रैल में होने से प्रखंड क्षेत्र में जलसंकट की समस्या उत्पन्न हो गई है। रेतुआ नदी पूरी तरह सूख गई है। विभिन्न पंचायतों में कई चापाकलों से पानी आना बंद हो गया है। वहीं कई जलाशय सूखने के कगार पर है। हर जगह पानी की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। लोगों में जल के प्रति जागरूकता की कमी साफ दिखाई दे रही है।

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कहते हैं लोग

समाजसेवी फिरोज हाफीज, रूखसार आलम, निहाल अहमद आदि युवाओं का कहना है कि पंचायत के कई इलाकों में भूर्गभीय जलस्तर में गिरावट आई है। क्षेत्र में नदी, तालाब, चापाकल सूख गए हैं व जलाशय सूखने के कगार पर है। इसी वजह से इलाकों में पेयजल संकट हो गया है। दरअसल हमारे इलाके में पानी की समस्या से ज्यादा लोग वाकिफ नहीं है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में जल जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। पानी की उपलब्धता और इसके उपयोग के बारे में सभी लोगों को गंभीरता से बताने और जल की बर्बादी से जन-जन को वाकिफ करना है। इस इलाके में बरसात का पानी संचय कराने का सरकारी योजना विफल है। जल के प्रति उदासीनता के कारण जल संकट गहराया है। आज ग्रामीण क्षेत्र में लोग पानी खरीद कर पी रहे है। फिर भी नल से बहता पानी को लोग बंद नहीं कर पाते। जब अपैल माह में पानी की किल्लत दिखाई दे रही है तो मई व जून आते-आते हालात बद से बदतर हो सकती है। हमलोगों को बूंद-बूंद जल की बर्बादी को रोकना है। पानी को बचाने के लिए अब सामूहिक प्रयास करना होगा।


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