दुर्घटना अनुदान पर मजदूरों को किया गया जागरूक
किशनगंज। बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना के तहत सूबे के प्रवासी मजदूरों को दुर्घटना
किशनगंज। बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना के तहत सूबे के प्रवासी मजदूरों को दुर्घटना की स्थिति में अनुदान का प्रावधान किया गया है। इस अनुदान का लाभ उनके आश्रितों को कुछ कागजी कानून कार्रवाई पूरी करने के बाद मिलता है। मजदूरों कीे दुर्घटना के फलस्वरूप पूर्ण स्थायी और स्थाई आंशिक अपंगता की स्थिति में भी अनुदान का प्रावधान किया गया है। गुरुवार को श्रम अधीक्षक रमण कुमार ओझा ने कैल्टैक्स चौक स्थिति तेरापंथ भवन में ग्रामीण श्रमिक प्रशिक्षण शिविर में उक्त बातें कही।
उन्होंने कहा कि श्रमिक कानून मजदूरों को अवश्य ही जागरूक करेगा। बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना 2008 का लाभ उन मजदूरों पर लागू होता है जो राज्य के निवासी हो और 18 से 65 वर्ष की आयु वर्ग में आते हो। दुर्घटना मृत्यु की स्थिति में मृतक मजदूर के आश्रितों को एक लाख रुपये, पूर्ण स्थाई अपंगता की स्थिति में 75,000 रुपये, आंशिक अपंगता की स्थिति में 37,500 रुपये मिलने का प्रावधान किया गया है।
श्रम अधीक्षक ने कहा कि बाल श्रम नियोजन एक सामाजिक अपराध है। इस पर नियंत्रण लगाना जरूरी है। इसके लिए 15 पेशा और 75 प्रक्रिया को खतरनाक नियोजन के रूप में घोषित किया गया है। 10 अक्टूबर 2006 से ही श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा घरेलू नौकर, ढाबा, होटल, जलपान गृह और मनोरंजन गृह में बाल श्रमिकों के नियोजन को निषेध कर दिया गया है। उच्च् न्यायालय द्वारा निषेधित प्रतिष्ठानों में बाल मजदूरों के नियोजन करने वालों के खिलाफ दंड का प्रावधान किया गया है। इसके अंतर्गत नियोजक का दंड स्वरूप जिला स्तर पर बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में 20,000 रुपये प्रति बाल श्रमिक जमा करवाने का प्रावधान है। इस प्रशिक्षण शिविर में मुख्य रूप से श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी अरूण कुमार यादव, अफरोज आलम, अवधेश कुमार,अलीमुद्दीन अंसारी, पंकज झा, विपिन बिहारी सहित कई श्रमिक मौजूद थे।