मिट्टी में दबकर दो बच्चों की मौत
किशनगंज। ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के दहीभाषा गांव में मिट्टी दबने से दो बच्चों की मौत हो गई। मामला ठाकु
किशनगंज। ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के दहीभाषा गांव में मिट्टी दबने से दो बच्चों की मौत हो गई। मामला ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के सखुआडाली पंचायत के दहीभाषा गांव की है। सड़क किनारे गड्ढ़े में खेल रहे बच्चों के ऊपर मिट्टी धंसने से दो बच्चे दब गए जबकि अन्य बच्चे भागने में सफल रहे। बच्चों के शोर मचाने पर ग्रामीणों ने तत्काल मिट्टी में दबे दोनों बच्चों को निकाल कर ठाकुरगंज पीएचसी में भर्ती कराया। पीएचसी में तैनात डॉक्टर ने देखते ही बच्चे को मृत घोषित कर दिया। मृत बच्चों की पहचान दहीभाषा गांव के हाकिम टूडे का पांच वर्षीय बेटा समीर टूडू व मानिक मुर्मू की तीन वर्षीया बेटी लखी मुर्म के रूप में की गई। डॉक्टर के द्वारा मृत घोषित किए जाने पर परिजन शव को लेकर घर वापस ले गए और पोस्टमार्टम कराने से इंकार किया। इस संबंध में पूछे जाने पर ठाकुरगंज थानाध्यक्ष राजेश कुमार तिवारी ने बताया कि मामले की कोई लिखित सूचना नहीं हैं। वहीं अंचलाधिकारी मो.इस्माइल ने बताया कि राजस्व कर्मचारी ललन मिश्र को भेजा गया है, विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के अनुसार सोमवार को ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के सखुआडाली पंचायत के दहीभाषा गांव में 14 वीं वित्त योजना से निर्मित सड़क किनारे बने गडढ़े में जनजाति समुदाय के बच्चे खेल रहे थे। अचानक मिट्टी गिरने से तीन वर्षीय लखी मुर्मू व पांच वर्षीय समीर टुडू मिट्टी में दब गए। आनन-फानन में ग्रामीण तथा परिजन दोनों बच्चे को ठाकुरगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर कुमार संभव प्रकाश ने दोनों बच्चों को जांचोपरांत मृत घोषित कर दिया। दर्दनाक हादसा के पश्चात परिजन शव को लेकर गांव प्रस्थान कर गए। मुआवजा की मांग को लेकर समुदाय के लोगों में आक्रोश दिखा। मृतक के परिजन मृत्यु प्रमाण पत्र का सवाल उठाया तो स्वास्थ्य कर्मियों ने कहा कि मृतक का नाम दर्ज नहीं होता है। परिजन व अन्य लोगों का कहना था कि अगर पूर्जा नहीं बना तो डॉक्टर ने जांच कैसे की। हालांकि समझा बुझाकर मामला शांत कराया गया। वहीं परिजन छोटे बच्चे का पोस्टमार्टम नहीं कराने की बात कह शव लेकर चले गए।