महंगाई डायन : गरीबों की थाली से दूर हुआ सत्तू
किशनगंज। गरीबों का आहार कहा जाने वाला सत्तू अब धीरे-धीरे गरीबों की थाली से गायब होता जा रहा है। बाज
किशनगंज। गरीबों का आहार कहा जाने वाला सत्तू अब धीरे-धीरे गरीबों की थाली से गायब होता जा रहा है। बाजार में सत्तू 200 रुपये किलो, चना 110 से 150 रुपये प्रति किलो मिल रहा है। लोग कहते हैं कि चना घोड़ा का आहार हुआ करता था। लेकिन अब यह लोगों की थाली से भी दूर होता जा रहा है। सत्तू अब अमीरों के थाली का हिस्सा बन गया है। हाल के दिनों में सूबे में आई बाढ़ से चना का कम पैदावार होना और डीजल व पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी इसका कारण माना जा रहा है।
डे-मार्केट स्थित प्रसिद्ध बनारसी सत्तू की दुकान पर पहले जहां सत्तू पीने वाले लोगों का तांता लगा रहता था, वहीं अब चने के दाम में बेतहाशा वृद्धि से सत्तू के दामों में भी इजाफा हो गया है। जिस कारण दुकान पर इन दिनों काफी कम लोग ही सत्तू पीते नजर आ रहे हैं। सत्तू विक्रेता सुबोध कुमार का कहना है कि जब मै चना लाने गया तो चना का दाम सुनकर वापस आ गया। सोचा दुकान बंद कर दूं। चना का दाम 110 से 150 रुपये प्रति किलो हो जाने से सत्तू का दाम 200 रुपये प्रति किलो हो गया है। चना के दाम में बढ़ोतरी के संबंध में पूछे जाने पर जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी कुछ भी कहने से असमर्थ दिखे।