मदरसा सचिव के विरुद्ध ग्रामीण गोलबंद
किशनगंज। रविवार को नगर परिषद क्षेत्र के खगड़ा बिलायतीबाड़ी स्थित मदरसा दारुलस्लाम के सचिव की मनमानी से
किशनगंज। रविवार को नगर परिषद क्षेत्र के खगड़ा बिलायतीबाड़ी स्थित मदरसा दारुलस्लाम के सचिव की मनमानी से स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है। स्थानीय लोगों ने मदरसा प्रांगण में बैठक कर सचिव मो. निजामुद्दीन पर कई गंभीर आरोप लगाए। जिसमें अपने भाई व रिश्तेदारों को मदरसा से लाभ पहुंचाने, सचिव के द्वारा मध्याह्न भोजन में अनियमितता सहित पोशाक राशि में भी हेरा-फेरी जैसे कई संगीन आरोप लगाए गए हैं।
इस पूरे मामले को लेकर स्थानीय बजरुल हक ने बताया कि मदरसा संख्या 431 मदरसा दारुलस्लाम के सचिव मो. निजामुद्दीन बीते 16 वर्षों से मदरसा में मनमानी कर अपने रिश्तेदारों को लाभ पहुंचा रहा है। अपने छोटे भाई मो. अमजद आलम को पहले खिचड़ी बनाने के लिए मदरसा में बहाल किया था परंतु अब उसे शिक्षक के रूप में बहाल कर दिया है। यहां तक की मदरसा के नाम से दानस्वरूप दी गई एक बीघा जमीन की फसल का भी कोई हिसाब नहीं है। पोशाक राशि में भी बाहरी बच्चों का नामांकन करा कर लाभ लेने का आरोप लगाया। मदरसा में स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में भी समाज के लोगो को नहीं बुलाया जाता है। इतना ही नहीं मदरसा कमेटी में शामिल सदस्यों से भी प्रधान शिक्षक धमकी देकर कोई भी काम करा लेते हैं। बीते 30 वर्ष से अधूरा पड़ा अर्द्ध निर्मित भवन को अब तक पूरा नहीं किया गया है। मदरसा में कोई भी विकास नहीं दिख रहा है। कहने को तो मदरसा में कुल 276 बच्च नामांकित हैं, परंतु मात्र 70-80 बच्चे ही आते हैं। इस मौके पर मो. अलाउद्दीन, वार्ड पार्षद प्रतिनिधि मो. राजू, अब्दूल गादीर, रविउल हक, शमीम अख्तर आदि उपस्थित थे। वहीं मदरसा के सचिव मो. निजामउद्दीन के मदरसा में नहीं रहने के कारण उनका पक्ष नहीं लिया जा सका। जबकि उनके छोटे भाई मो. अमजद आलम ने अपने और बड़े भाई के ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को स्थानीय राजनीति से प्रेरित बताया।