सत्य पथ पर चलकर स्वच्छ समाज का हो सकता निर्माण
संवाद सहयोगी, किशनगंज : संसार में जब कलियुग का प्रवेश हुआ। वह अपने साथ अहंकार, लोभ, मदिरा, जुआ व सोन
संवाद सहयोगी, किशनगंज : संसार में जब कलियुग का प्रवेश हुआ। वह अपने साथ अहंकार, लोभ, मदिरा, जुआ व सोना की लालच को लेकर आया, जो इंसान के अंदर की इंसानियत को समाप्त करने के लिए काफी है। यह बातें शुक्रवार को बीकानेर निवासी मरुधराचार्य पंडित मोहन लाल जी व्यास ने धर्मशाला रोड स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर परिसर में सात दिवसीय भागवत कथा के दूसरे दिन उपस्थित भक्तों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कलियुग में भी इंसान सत्य पथ पर चलकर स्वच्छ व स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकता है। इसके लिए उन्हें कुछ बुराईयों पर विजय प्राप्त करना पड़ेगा। इनमें मुख्य रुप से अपने अंदर के अहंकार को समाप्त करना, लोभ का त्याग, मदिरा पान से अपने आप को दूर रखना, किसी भी प्रकार की छोटी बड़ी जुआ खेलने से परहेज करना व सोना गोल्ड की लालच का त्याग शामिल है। श्री व्यास का कहना था कि इंसान संसार का सर्वश्रेष्ठ प्राणी है। इंसानी जीवन बड़ी मुश्किल से प्राप्त होता है। एक बार इंसान योनि में जन्म लेने के लिए 74 हजार अन्य योनी में जन्म लेना पड़ता है। इस वजह से प्रत्येक इंसान का कर्तव्य हो जाता है कि वह समाज को कुछ विशेष देकर जाए। इसी का परिणाम है कि गुरुत्वाकर्षण की खोज करने वाले न्यूटन का नाम इस दुनियां में अमर हो गया।