अब तक पीड़ित परिजनों को नहीं मिला इंदिरा आवास
खगड़िया। पटना नौका हादसा बाद एकबार फिर दुधैला नौका दुर्घटना की याद ताजा हो गई है। बतात
खगड़िया। पटना नौका हादसा बाद एकबार फिर दुधैला नौका दुर्घटना की याद ताजा हो गई है। बताते चलें कि 22 अक्टूबर 2008 को गंगा की उपधारा में नौका पलटने से 24 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में 19 दुधैला के, तीन बुद्धनगर के तथा दो मकनपुर, नवगछिया के थे। एकसाथ 24 शवों का पोस्टमार्टम गंगा किनारे हुआ था। दुधैला में चीख-पुकार मच गई थी। हादसे के दो-चार दिनों तक गांव में चूल्हे नहीं जले थे।
घटना बाद परबत्ता प्रखंड के सौढ़ उत्तरी पंचायत स्थित दुधैला गांव जिला के तत्कालीन सभी आला अधिकारी पहुंचे थे। उस समय मृतकों के परिजनों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये और इंदिरा आवास देने की घोषणा हुई थी। परंतु, पीड़ित परिजनों को मात्र एक-एक लाख रुपये मिले और इंदिरा आवास आज तक नहीं मिला। इधर, उक्त घटना के दिन
सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद ¨सह अपने पैतृक गांव सतीशनगर में ही थे। जो सोढ़ उत्तरी पंचायत का अंग है। उन्होंने भी बताया कि जिला प्रशासन ने नौका हादसा बाद डेढ़ लाख रुपये की दर से पीड़ित परिजनों को मुआवजे देने की बात कही थी।
इधर, पंचायत के मुखिया संजना देवी की माने तो मात्र एक-एक लाख रुपये की दर से पीड़ित परिजनों को मुआवजे दिए गए। इंदिरा आवास के अभाव में पीड़ित परिजन झोपड़ी और खपरैल के मकान में रहने को विवश है। पीड़ित परिजन नारद पंडित, लक्ष्मण रजक, राजेंद्र शर्मा, सुरेंद्र पंडित, विनोद मंडल, सुबोध मंडल, प्रकाश पंडित, सामफल मंडल आदि ने कहा कि, मात्र एक लाख रुपये की दर से मुआवजे मिले और इंदिरा आवास आज तक नहीं मिला। कहा, प्रखंड से लेकर जिला तक का चक्कर लगाते-लगाते थक चुके हैं। इधर, सामाजिक कार्यकर्ता अखिलेश्वर दास ने कहा कि, इसको लेकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है। वहीं परबत्ता सीओ शिवशंकर गुप्ता ने कहा कि, मामला पुराना है। फाइलों का अवलोकन करेंगे। साथ ही यह भी जोड़ा कि उस समय एक लाख रुपये देने का ही प्रावधान होगा।