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चिकित्सकोंकी है कमी, कैसे होगा इलाज?

खगड़िया। जिले में स्वास्थ्य सेवा का हाल बदहाल है। खासकर सुदूर देहाती क्षेत्र में। अलौली से लेकर परबत

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Feb 2017 11:35 PM (IST)Updated: Sun, 26 Feb 2017 11:35 PM (IST)
चिकित्सकोंकी है कमी, कैसे होगा इलाज?

खगड़िया। जिले में स्वास्थ्य सेवा का हाल बदहाल है। खासकर सुदूर देहाती क्षेत्र में। अलौली से लेकर परबत्ता, बेलदौर तक की स्थिति एक जैसी है। हर जगह चिकित्सकों का अभाव व बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है। महिला चिकित्सकों की कमी के कारण सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के महिला मरीजों को इलाज के लिए जिला मुख्यालय ही आना पड़ता है।

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अगर हम बात प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परबत्ता की करें, तो यहां महिला चिकित्सक नहीं है। नर्स द्वारा प्रसव कराया जाता है। जानकारी अनुसार, परबत्ता पीएचसी समेत अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों के संचालन को लेकर 15 चिकित्सकों की जरूरत है। जबकि चिकित्सकों की संख्या मात्र आठ है। मालूम हो कि परबत्ता प्रखंड में पांच अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र भी है।

दूसरी ओर उपस्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति तो और भी विकट है। माधवपुर पंचायत के मुरादपुर गांव स्थित उपस्वास्थ्य केंद्र आज भी भाड़े के मकान में चल रहा है। यह उपस्वास्थ्य केंद्र एक कमरे से संचालित हो रहा है। हालांकि, इस संबंध में परबत्ता पीएचसी प्रभारी डॉ. एनपी मेहरा के कहा कि उप स्वास्थ्य केंद्र मुरादपुर को लेकर जमीन की समस्या है। इसको लेकर रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को भेजी गई है।

10 चिकित्सक की जगह हैं मात्र चार

जिले के स्वास्थ्य सेवा की बदहाल स्थिति का अंदाजा अलौली पीएचसी से भी लगाया जा सकता है। 21 पंचायतों के मरीजों के इलाज का जिम्मा इस पीएचसी के ऊपर है। परंतु, यहां चिकित्सीय साधन-सुविधा का अभाव है। यहां चिकित्सक के 10 पद स्वीकृत हैं, परंतु वर्तमान में मात्र चार ही कार्यरत हैं। वहीं पांच लिपिक के विरुद्ध मात्र तीन के सहारे कार्य हो रहा है। जबकि फार्मासिस्ट के चार स्वीकृत पद हैं, परंतु कार्यरत तीन है। ड्रेसर के चार पद हैं, परंतु मात्र एक कार्यरत है। वहीं अलौली पीएचसी समेत प्रखंड के सभी उपस्वास्थ्य केंद्र और अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों पर नर्स के 72 पदों के विरुद्ध मात्र 32 ही कार्यरत हैं।

कोट

संपूर्ण जिले में चिकित्सक समेत स्वास्थ्य कर्मियों का अभाव है। इसको लेकर संबंधित अधिकारी को लिखा गया है।

-डॉ. अरुण कुमार ¨सह, सिविल सर्जन, खगड़िया

पीएचसी को खुद है इलाज की दरकार

बेलदौर प्रखंड क्षेत्र में भी स्वास्थ्य सेवा चरमरा गई है। यहां के 16 पंचायतों के लिए एक पीएचसी के अलावा दो अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र है। अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र कुर्बन भाड़ा के मकान से संचालित हो रहा है। जबकि पिरनगरा अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र उपस्वास्थ्य केंद्र भवन से संचालित किया जा रहा है। वहीं प्रखंड के कुल 22 उपस्वास्थ्य केंद्रों में से सात को ही अपना भवन है। दस उपस्वास्थ्य केंद्र पंचायत भवन और सामुदायिक भवन में संचालित है। चार केंद्रों का संचालन भाड़ा के मकान में किया जा रहा है।

बेलदौर पीएचसी की स्थिति

पीएचसी में चिकित्सक के सृजित नौ पदों के विरुद्ध मात्र पीएचसी प्रभारी समेत तीन चिकित्सक कार्यरत हैं। यहां एक भी महिला चिकित्सक नहीं है। ड्रेसर का एक पद स्वीकृत है, लेकिन वह खाली है। वहीं दवाई ओपीडी में 33 की जगह मात्र 24 उपलब्ध है।


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