दोषी पुलिस अधिकारी पर होगी कार्रवाई : एसपी
खगड़िया। तो क्या बेलदौर थाने में थानाध्यक्ष के आदेश का पालन चौकीदार नहीं करते हैं? अगर पुलिस अधिकारी
खगड़िया। तो क्या बेलदौर थाने में थानाध्यक्ष के आदेश का पालन चौकीदार नहीं करते हैं? अगर पुलिस अधिकारी गिरफ्तार पंचायत सचिव अशोक कुमार को हाजत में रखने के लिए चौकीदार को निर्देश दिया था, तो फिर किस पैरवी के बल पर उसे हाजत में नहीं रखा गया। पुलिस को चकमा देकर वह सिपाही पुत्र के बाइक पर बैठकर फरार हो गया। इससे बेलदौर पुलिस की भूमिका पर भी प्रश्नचिह्न खड़े हो रहे हैं।
पुलिस को चकमा देकर फरार वारंटी पंचायत सचिव अशोक कुमार व भगाने के आरोपित सिपाही पुत्र चंदन कुमार समेत चार अभियुक्तों को पुलिस तीसरे दिन भी गिरफ्तार करने में कामयाब नहीं हो सकी है। हालांकि पुलिस हिरासत से पंचायत सचिव के फरार होने के मामले में चौकीदार पर तो गाज गिर गई, लेकिन लोगों में चर्चा है कि हमेशा से निर्बल पर ही कार्रवाई होती आई है। आखिर जिम्मेदार पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई। चर्चा पर गौर करें तो पुलिस विभाग की सबसे छोटी इकाई पर कार्रवाई कर पुलिस ने अपनी गलती छिपाने का प्रयास किया है। वहीं, एक सिपाही पिता के मोह में कानून को धता बता कर बाइक से ले भागा।
इधर, मामले में पुलिस कप्तान ने थानाध्यक्ष से स्पष्टीकरण मांगा है। लोगों में इस बात की चर्चा है कि आखिर चौकीदार पर ही केवल कार्रवाई क्यों हुई। थाने से गिरफ्तार वारंटी का भाग जाना बड़ा मामला है। इसकी गहन जांच कर दोषी पुलिस अधिकारी पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। बताते चलें कि जिला के गंगौर ओपी के एक मामले में महिनाथनगर से गिरफ्तार वारंटी अशोक कुमार मंगलवार को पुलिस को चकमा देकर थाने से फरार हो गया। पुलिस अभी भी उसकी गिरफ्तारी के लिए खाक छान रही है।