कोसी वासियों की त्रासदी के कथा में जुड़ा एक और अध्याय
खगड़िया। कोसीवासियों की अंतहीन त्रासदी की कथा में शनिवार की रात्रि 2.20 बजे उस समय एक आ
खगड़िया। कोसीवासियों की अंतहीन त्रासदी की कथा में शनिवार की रात्रि 2.20 बजे उस समय एक और अध्याय जुड़ गई जब मानसी-सहरसा रेलखंड पर फनगो हाल्ट के समीप कोसी की तीव्र कटाव के कारण इस रेलखंड होकर तत्काल ट्रेनों के परिचालन पर रोक लगा दी गई। इससे रविवार की सुबह पूर्णिया-हटिया कोसी एक्सप्रेस, सहरसा-पटना राज्यरानी सुपरफास्ट आदि ट्रेनें पकड़ने खगड़िया व मानसी जंक्शन पहुंचे यात्रियों को भारी परेशानी से दो-चार होना पड़ा। पूछताछ काउंटरों पर भीड़ लगी रही।
वहीं, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल आदि कि यात्रा करने वाले यात्रियों की परेशानी देखते ही बनती थी। रेल मार्ग बंद होने और बीते मई माह से ही एनएच-107 स्थित कोसी-बागमती के संगम पर क्षतिग्रस्त बीपी मंडल सेतु के समीप से नौका पुल हटा लिये जाने के बाद से सड़क मार्ग होकर सहरसा की यात्रा बंद है। ऐसे में यात्रियों के समक्ष पटना पहुंच वहां से सड़क मार्ग से दरभंगा होते हुए सुपौल, मधेपुरा और सहरसा पहुंचने की विवशता दिखी अथवा मानसी-खगड़िया से रेल मार्ग होकर कटिहार पहुंच वहां से ट्रेनें पकड़ सहरसा आदि पहुंचने की लाचारी साफ-साफ सामने आई।
यहां यह बताते चलें कि मानसी-सहरसा रेलखंड के फनगो के पास वर्षो से रेल पटरी पर बरसात के मौसम में कोसी नदी का दवाब बढ़ जाता है और रेल परिचालन पर खतरा उत्पन्न होते रहा है। परंतु, आज तक इसका स्थाई निदान नहीं निकला है।
इधर, तत्काल तीन दिनों तक इस रेलखंड पर रेल परिचालन की कोई उम्मीद नहीं है। ऐसे में खगड़िया के बदला, धमाराघाट आदि के आसपास बसे दियारा क्षेत्र के दर्जनों गांवों के लोगों को भीषण परेशानी उठानी पड़ेगी।
मालूम हो कि चौथम दियारा के ठुठ्ठी मोहनपुर, सरसवा, रोहियार व बुच्चा पंचायत के लोगों के यातायात का मुख्य साधन रेलमार्ग ही है। दूर-दराज की यात्रा तो रेलमार्ग से ही होती है। ऐसे में इस बरसात के मौसम में रेल परिचालन बंद होने से स्थिति की कल्पना ही की जा सकती है। यहां यह बताते चलें कि इस क्षेत्र से प्रतिदिन लाखों रुपये के दूध कोसी के सहरसा, सुपौल, मधेपुरा आदि जगहों पर ट्रेनों से भेजे जाते हैं। परंतु, आज से यह बंद हो गया। दूध व्यवसायियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
कोट
' वर्षो से फनगो के पास कोसी का कटाव है। करोड़ों के बोल्डर पानी में बह गए। परंतु, कोई हल नहीं निकला है। कारगर निदान की जरूरत है। खगड़िया सांसद ने भी इस मामले में आज तक ठीक से पहल नहीं की है। अब तो प्रतिदिन यहां के दूध व्यवसायियों को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा।'
= मिथिलेश यादव, ठुठ्ठी मोहनपुर निवासी व जिप उपाध्यक्ष
कोट
' खगड़िया सांसद चौधरी महबूब अली कैसर ने रेलमंत्री सुरेश प्रभु से इस संबंध में बात की है। उन्होंने डीआरएम समस्तीपुर से भी बात की है। सांसद फनगो कटाव स्थल का जायजा भी लेंगे।'
= फिरोज आलम, सांसद प्रतिनिधि(रेल) व सदस्य डीआरयूसीसी, समस्तीपुर