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दियारा क्षेत्र में दुर्लभ है बेटियों की शिक्षा

खगड़िया। सूबे की सरकार कन्याओं के लिए कई लाभकारी योजनाएं चला रही है। ऐसी ही योजनाओं

By Edited By: Published: Tue, 28 Jun 2016 10:40 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2016 10:40 PM (IST)

खगड़िया। सूबे की सरकार कन्याओं के लिए कई लाभकारी योजनाएं चला रही है। ऐसी ही योजनाओं में शिक्षा भी शामिल है। सरकार महिला शिक्षा के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। बावजूद प्रखंड क्षेत्र में कन्या शिक्षा पर ग्रहण लगा दिख रहा है। सरकार बेटियों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रखंडों में वर्ग आठ तक की पढ़ाई के लिए कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय तो चला रही है लेकिन इससे आगे की पढ़ाई के लिए अब तक एक अदद कन्या उच्च विद्यालय की व्यवस्था नहीं हो सकी है।

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प्रखंड के दियारा इलाके में आज भी कन्याएं मिड्ल पास कर शिक्षा को अलविदा कह देती है। इस क्षेत्र में एक भी उच्च विद्यालय नहीं है। कहने को तो दियारा के मध्य विद्यालय धनछड़ व मध्य विद्यालय रोहियार को उत्क्रमित कर उच्च विद्यालय की संज्ञा दे दी गई है लेकिन तीन वर्ष बीतने के बावजूद उक्त विद्यालय में संसाधन, शिक्षक व भवन निर्माण आरंभ तक नहीं हो सका है। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग इस ओर कितना संवेदनशील है।

सूत्र की मानें तो उक्त विद्यालय में जो शिक्षक नियोजित किए गए हैं वो भी विद्यालय आना पसंद नहीं करते हैं। कारण कि विद्यालय में अब तक माध्यमिक शिक्षा की व्यवस्था नहीं हो सकी है। प्रखंड के लोगों का कहना है कि विभाग कन्या शिक्षा के प्रति उदासीन है, जिसके कारण अब तक कन्याओं की पढ़ाई के लिए उच्च विद्यालय की व्यवस्था नहीं की जा सकी है। लोगों का कहना है कि विभाग द्वारा अगर प्रखंड के विजय बालिका मध्य विद्यालय को उत्क्रमित कर उच्च विद्यालय में उत्क्रमित कर दिया जाता तो बालिकाओं के लिए काफी सुविधा होती।

बोले, पदाधिकारी

इस बावत बीईओ रामकुमार सिंह ने बताया कि इस विषय में वरीय पदाधिकारी को सूचना दी जाएगी। वास्तव में बालिका शिक्षा के बिना शिक्षा का उद्देश्य अधूरा है।


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