प्रचार में गौण हो रहे विकास के मुद्दे
खगड़िया। 12 अक्टूबर को होने वाली विधानसभा चुनाव के बावत सभी प्रत्याशी प्रचार-प्रसार में अपनी पूरी ताक
खगड़िया। 12 अक्टूबर को होने वाली विधानसभा चुनाव के बावत सभी प्रत्याशी प्रचार-प्रसार में अपनी पूरी ताकत झोंक दिए हैं। क्षेत्र में मतदाताओं को रिझाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। सभा मंच से गला फारकर जरूर सभी नेता विकास की बातें करते नजर आ रहे हैं। लेकिन जब मतदाताओं के दरवाजे पर जाते हैं तो विकास पर रिश्ते व नातों का पलड़ा भारी हो जाता है। यहां जातीय समीकरण भी फिट किए जाने लगते हैं। इस वक्त हर घर, हर गली, चौक-चौराहों पर भी इसकी चर्चा चल रही है।
लोग चाय के दुकानों पर ही प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करते नजर आ रहे हैं। यहां तक कि लोग किस पार्टी की सरकार बनेगी इस बात का दावा भी करते नजर आ रहे हैं। विरोधी दल के लोगों से बात बढ़ते-बढ़ते मामला तू-तू मैं-मैं तक पहुंच जा रही है।
बताते चलें कि आजादी के 67 वर्ष बाद भी बेलदौर विधानसभा क्षेत्र के कई पंचायत सड़क, बिजली, शुद्ध पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी सुविधाओं से वंचित हैं। ऐसे मुद्दे उठाने के बजाय जनप्रतिनिधि जातीय समीकरण व रिश्ते-नातों की गोटी फिट करने में जुटे रहते हैं। जनता को विकास के विभिन्न बिंदुओं पर आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिल रहा।