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एनएच विभाग से डीएम ने मांगी कार्रवाई की रिपोर्ट

मुकेश, खगड़िया: कोसी के इलाकों को सूबे की राजधानी व अंग क्षेत्र से सड़क मार्ग से जोड़ने वाले एनएच 107 स

By Edited By: Published: Thu, 30 Jul 2015 03:25 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2015 03:25 AM (IST)

मुकेश, खगड़िया: कोसी के इलाकों को सूबे की राजधानी व अंग क्षेत्र से सड़क मार्ग से जोड़ने वाले एनएच 107 स्थित डुमरी घाट के पास अवस्थित बीपी मंडल सेतु के 50 लाख से अधिक के साल्वेज मैटीरियल गायब करने का मामला तूल पकड़ते जा रहा है।

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डीएम राजीव रौशन द्वारा एनएच के कार्यपालक अभियंता को स्मार पत्र देते हुए पूछा गया है कि दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश के बाद भी अब तक क्यों नहीं प्राथमिकी दर्ज हुई? ज्ञापांक 1671-गो के माध्यम से डीएम द्वारा लिखा गया है कि जिला गोपनीय शाखा के ज्ञापांक 1634 दिनांक 21 जुलाई 2015 के माध्यम से साल्वेज मैटीरियल गायब करने वाले दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए तीन दिनों के भीतर प्राथमिकी दर्ज कराते हुए अवगत कराने को कहा गया था। डीएम द्वारा कहा गया है कि अविलंब दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराते हुए वस्तु स्थिति से अवगत कराई जाए।

दैनिक जागरण ने किया था खुलासा

बीपी मंडल सेतु के स्लैब तोड़ने बाद उससे निकले साल्वेज मैटीरियल को गायब कर दिया गया था। प्रतिनियुक्त कनीय अभियंता सरोज कुमार द्वारा 3 जुलाई को विभाग को जानकारी दी गई कि कार्य एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर केके रंजन व महेशखूंट के लेखापाल की इसमें सांठ-गांठ है। कनीय अभियंता ने गायब मैटीरियल का अनुमानित मूल्य 50 लाख रुपए आंका था। इसके बाद कार्यपालक अभियंता द्वारा प्रतिनियुक्त कनीय अभियंता को ही वहां से हटा दिया गया था।

कार्यपालक अभियंता का तबादला

सरकार द्वारा एनएच के कार्यपालक अभियंता रणविजय राम का तबादला सुपौल जिले के लिए कर दिया गया है। उनके स्थान पर अरुण कुमार को जिम्मेदारी दी गई है।

क्या कहते हैं प्रोजेक्ट मैनेजर

कार्य एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर केके रंजन का कहना हुआ कि उन्हें यह आदेश नहीं था कि साल्वेज मैटीरियल को क्या करना है। यदि विभाग को लगे कि यह गलत है तो उनसे गायब मैटीरियल के मूल्य की कटौती की जा सकती है।

कहते हैं डीएम

डीएम राजीव रौशन का कहना है कि मामला सामने आने के बाद ही कार्यपालक अभियंता को दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे। दोबारा उनसे पूछा गया है कि प्राथमिकी दर्ज हुई अथवा नहीं। यदि प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई तो अविलंब प्राथमिकी दर्ज कराने हुए उन्हें भी अवगत कराई जाय।


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