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आत्महत्या का कारण होगा डीईओ: गणेश

मुख्य बातें = गणेश साह ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र = करीब 14 वर्ष से वेतन को लेकर है परेशान =

By Edited By: Published: Sat, 18 Apr 2015 05:51 PM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2015 05:51 PM (IST)
आत्महत्या का कारण होगा डीईओ: गणेश

मुख्य बातें

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= गणेश साह ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र

= करीब 14 वर्ष से वेतन को लेकर है परेशान

= 20 दिनों में नहीं लिया गया निर्णय तो तंगहाली में दी आत्महत्या की धमकी

= अपने आत्महत्या करने का पूरा जिम्मेवार डीईओ और स्कूल प्राचार्य को बना रहे गणेश

जागरण संवाददाता, खगड़िया: खुद को आर्य कन्या उच्च विद्यालय खगड़िया में रात्री प्रहरी के रूप में काम शुरू कर चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी होने की बात बताते हुए वेतन नहीं पाने को लेकर गणेश साह ने मुख्यमंत्री को फैक्स कर आर्थिक तंगी में आत्महत्या कर लेने की बात कही है। आवेदन में उन्होंने कहा है कि अगर 20 दिनों के अंदर मुझे वेतन नहीं दिया जाता है तो वे कहीं भी आत्महत्या कर लेंगे और इसका पूरा जबावदेह डीईओ और विद्यालय के प्राचार्य होंगे।

क्या है मामला

गणेश साह ने मुख्यमंत्री को भेजे आवेदन में अपने योगदान का पत्र भी उपलब्ध करवाया है। इसके अनुसार विद्यालय के प्रबंध कार्यकारिणी समिति ने 3 जनवरी 2001 को उन्हें विद्यालय में रात्री प्रहरी के रूप में योगदान का पत्र मिला था। वेतन नहीं मिलने पर श्री साह कोर्ट गए और कोर्ट के आदेश बाद तत्कालीन डीईओ श्याम बाबू राम ने 1 जुलाई 14 को पत्र लिखकर प्रधानाध्यापक को कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए तीन माह के अंदर प्रबंध कार्यकारिणी की बैठक कर निर्णय लेते हुए अनुमोदन हेतु विभाग को रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया था। इसके आलोक में प्रबंध कार्यकारिणी ने 24 जुलाई 14 को बैठक कर प्रस्ताव विभाग के पास भेजे जाने की सूचना गणेश साह को दी। परंतु इसके उपरांत गणेश साह कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं और उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है। आरडीडीई ने आवेदन के बावत 23 मार्च 15 को विद्यालय कार्यकारिणी को पत्र लिखा, इससे पूर्व आयुक्त ने पत्रांक 798 के द्वारा 24 फरवरी को जिलाधिकारी से भी मामले की जानकारी मांगी है। परंतु इसी बीच गणेश साह ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजते हुए 20 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए वेतन की मांग की है। अन्यथा उनके आत्महत्या का कारण डीईओ और विद्यालय प्रधान होंगे।

-कोट-

'हमारे यहां उस आदमी की कोई नियुक्ति है ही नहीं फिर वेतन की बात कहां आती है।'

- नंदलाल प्रसाद साह, एचएम

-कोट-

'विभागीय स्तर से पत्र व्यवहार किया गया है। परंतु निजी प्रबंधन में विद्यालय है। कार्यकारिणी ही कोई निर्णय ले सकती है।'

-- डा. ब्रजकिशोर सिंह, डीईओ


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