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नहीं सुधार रहा आंगनबाड़ी

गोगरी (खगड़िया) संवाद सूत्र : समेकित बाल विकास सेवा के तहत प्रखंड क्षेत्र में कुपोषित बच्चों, धातृ मा

By Edited By: Published: Thu, 27 Nov 2014 09:19 PM (IST)Updated: Thu, 27 Nov 2014 09:19 PM (IST)
नहीं सुधार रहा आंगनबाड़ी

गोगरी (खगड़िया) संवाद सूत्र : समेकित बाल विकास सेवा के तहत प्रखंड क्षेत्र में कुपोषित बच्चों, धातृ माता, गर्भवती महिला व किशोरियों में कुपोषण दूर करने एवं स्वास्थ्य देखभाल के लिए खोले गए आगनबाड़ी केंद्र लूटखसोट का केंद्र बनकर रह गया है। सरकारी प्रयास के बावजूद यहा के आगनबाड़ी केंद्र दयनीय स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है। केंद्र पर सेविका सहायिका की मनमानी आज भी जारी है। सूत्रों के अनुसार अधिकारियों के मिली भगत से सरकार के इस महत्वपूर्ण योजना का बंटाधार किया जा रहा है, और लाभुकों के बदले सेविका व सहायिका के साथ अधिकारियों को योजना का अच्छा लाभ मिल रहा है। वैसे, क्षेत्र में कहीं न कहीं से सेविका द्वारा बरती जा रही मनमानी, टेकहोम राशन वितरण में अनियमितता, पका पकाया भोजन में मीनू का पालन नहीं करने की शिकायत बनी रहती है। सर्किल नंबर एक के पौरा पंचायत सहित अन्य सुदूर गाव के केंद्र इसका उदाहरण है। पौरा के केंद्र संख्या 249 प्राय: बंद रहने की शिकायत रहती है। केंद्र संख्या 100 भवन के अभाव में झोपड़ी में चल रहा है। विभागीय उदासीनता का हाल यह है कि कई केंद्रों पर न तो बोर्ड लगा है, और न हीं केंद्र के लाभुकों की सूची बोर्ड और न हीं भोजन मीनू की तालिका कहीं अंकित है। जिसका उदाहरण गोगरी पंचायत के आगनबाड़ी केंद्रों के अलावा, राटन, रामपुर तथा सर्किल नंबर एक के पंचायतों में देखा जा सकता है। जहा पंजियों पर हीं आगंनबाड़ी का कार्य चल रहा है। वही हाल नपं क्षेत्र के केंद्रों का है। नपं के वार्ड 16, 17, 19 स्थित केंद्रों की स्थिति दयनीय है। जहा बच्चों के स्वास्थ्य देखभाल तो दूर, उनके साफ सफाई का भी ख्याल नहीं रखा जाता है। वहीं बच्चों को नाश्ता व भोजन में भी कोताही बरती जा रही है। आम लोगों की माने तो केंद्रों पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। अधिकारी ईमानदारी पूर्वक केंद्रों का औचक निरीक्षण करें तो हकीकत सामने होगी। बसुआ के अंजनी सिंह, गोगरी के नीरज कुमार कहते हैं कि केंद्र के सफल संचालन व आकलन को लेकर पर्यवेक्षक नियुक्त हैं, जिन्हें केंद्र पर पहुंच कर केंद्र का पर्यवेक्षण करना है। परंतु, यहा बैठे-बैठे हीं पर्यवेक्षण कार्य भी हो जाता है। कोई केंद्र पर जाने की जहमत नहीं उठाते हैं तो केंद्र सही ढंग से कैसे चल सकता है। इधर सीडीपीओ वर्तिका सुमन से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा केंद्र नियमानुसार चल रहा बोर्ड लगाने के के निर्देश दिए गए है। बाकी शिकायत पर कार्रवाई अवश्य होती है।


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