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नहीं मिल सका है विस्थापितों को आसियाना

संवाद सूत्र, चौथम(खगड़िया) : प्रखंड के कई पंचायतों में बागमती नदी के कटाव का दंश झेल रहे परिवारों क

By Edited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 10:32 PM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 10:32 PM (IST)

संवाद सूत्र, चौथम(खगड़िया) :

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प्रखंड के कई पंचायतों में बागमती नदी के कटाव का दंश झेल रहे परिवारों को चार दशक बीतने के बावजूद आज तक सरकार द्वारा पुनर्वास नहीं मिल सका है। जिसके कारण विस्थापित परिवार बदला-नगरपाड़ा तटबंध पर शरण लेने के लिए मजबूर हैं। इनके पुर्नवास के लिए किए गए तमाम वादे अब तक हवा-हवाई ही साबित हुए हैं। जनप्रतिनिधियों से लेकर पदाधिकारियों द्वारा इन विस्थापितों को कई बार अश्वासन मिला पर नतीजा वही ढाक के तीन पात वाली साबित हुई है। मालूम हो कि प्रखंड के रोहियार पंचायत अंतर्गत बलकुंडा के लगभग साढ़े चार सौ परिवारों का पुर्नवास का मामला पदाधिकारियों के उदासीनता की वजह से अधर में लटका हुआ है। जबकि इन विस्थापितों को पिछले बीस सालों से पदाधिकारियों द्वारा पर्चा देने का आश्वासन मिल रहा है। लेकिन इन कटाव पीड़ितों के दुख पर मरहम लगाने वाला कोई नहीं मिला। वही हाल चौथम पंचायत अंतर्गत पिछले चालीस वर्षो से लालपुर स्थित बीएन तटबंध पर बसे लगभग सौ विस्थापित परिवारों का है। प्रचंड गर्मी हो फिर कंपकंपाती ठंढ़ का मौसम हो बांध पर ही आशियाना की तलाश में तीन पीढ़ी गुजर गई लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि या पदाधिकारियों का नजरें इनायत इन विस्थापितों पर नहीं हुई। बांध पर ही झुग्गी-झोपड़ी बनाकर अपना जिंदगी जीने को विवश हैं। वहीं मध्य बौरने पंचायत अंतर्गत बागमती नदी से कटाव पीड़ित तेगाछी गांव के लगभग चार सौ परिवार पिछले तीस वर्षो से प्रखंड से लेकर जिला तक दौड़ लगाते-लगाते थक चुके हैं। लेकिन इन विस्थापितों को आज तक आशियाना नहीं मिल सका है। कई बार अंचल द्वारा इस पर पहल भी की गई लेकिन तीन सालों से जिला भू- अर्जन कार्यालय में फाईल धूल फांक रही है। वहीं पूर्वी बौरने पंचायत अंतर्गत कठमारा मुसहरी के भी दर्जन भर परिवार आज भी बीएन तटबंध पर पुनर्वास की आस में शरण लेने को मजबूर हैं। इन सभी जगहों पर बसे लोग मजदूर तबके के हैं। इन लोगों का कहना है कि बीपीएल सूची में नाम रहने के बावजूद उन लोगों को इंदिरा आवास इसलिए नहीं मिल रहा है कि क्योंकि उन लोगों के पास मकान बनाने के लिए एक अदद जमीन तक नहीं उपलब्ध करायी गई है। विस्थापितों ने बताया कि अधिकारियों के दफ्तरों का चक्कर लगाते लगाते थक चुके हैं चुनाव के समय नेता भरोसा दिलाते हैं कि पुनर्वास की व्यवस्था करेंगे, पर जीतते ही अपने सभी वायदे भूल जाते हैं। नव निर्वाचित सांसद से इन विस्थापितों को आस जगी है कि इस बार वो इस कष्टप्रद जिंदगी जीने से निजात दिला पाने में सक्षम होंगे।

बोले अंचल अधिकारी :

पुनर्वास के बावत सीओ रमण प्रसाद वर्मा ने बताया कि अंचल अंतर्गत जितने भी कटाव से विस्थापित परिवार हैं, सभी की सूचि बनाकर जिला को भेज दिया गया है। साथ ही जमीन का भी रिपोर्ट महीनों पूर्व भेजी गई है, जिला से निर्देश मिलने के बाद सभी विस्थापितों को भूमि वास गीत पर्चा देकर बसाया जाएगा।


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