धरातल से दूर है प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
महेशखूंट(खगड़िया) संवाद सूत्र : प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को क्षेत्र में धरातल पर नहीं उतर पा रहा
महेशखूंट(खगड़िया) संवाद सूत्र : प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को क्षेत्र में धरातल पर नहीं उतर पा रहा है। इसकी हालत अन्य विभागों की सड़क से भिन्न नहीं है। इन सड़कों के निर्माण में लगे एजेंसी स्वयं कार्य का संपादन नही कर पेटी कंडक्टर से करवाते है। पेटी कंडक्टर लोकल व प्राय: दबंग होते हैं। जिसके विरूद्ध कोई आगे आने क ा साहस नहीं जुटा पाते हैं, जिससे इन सड़कों में गुणवत्ता नहीं रह जाती है। योजना संचालन में लगे अधिकारी की मुहर तो पीसी पर निर्भर करती है।
इस योजना के तहत खारो धार एनएच 107 से पकरैल होते हुए झाझा तक 11.129 किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य अगस्त 2011 में शुरू हुआ, जिसे 2 फरवरी 13 में पूर्ण होना था। अभी तक बेस का कार्य भी पूर्ण नहीं हुआ है। बताते चलें कि यह योजना की प्राक्कलित राशि 7 करोड़ 41 लाख के आसपास बतलाई जाती है। इस सड़क का संवेदक मे. अरावली इन्फ्रापावर लिमिटेड है। जिसे ग्रामीण कार्य विभाग ,बिहार सरकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार की देखरेख में किया जा रहा है।
क्या कहती है पकरैल मुखिया अर्चना देवी
कार्य स्थल पर लगे बोर्ड के मुताबिक कार्य खारो धार एनएच 107 से होना चाहिए। किंतु यहां से 4 किलोमीटर दूर बिंदटोली पकरैल मोड़ पर योजना का बोर्ड लगाकर कार्य आरंभ किया गया। जो एक वर्ष से बंद है। क्या कहते हैं पूर्व मुखिया रानी देवी-पकरैल से लक्षमिनियां तक के सोलिंग की ईट गायब कर सड़क के वेस का काम किया गया। इस सरकारी ईट का हिसाब देने वाला कोई नहीं है। आज सड़क की हालत पैदल चलने के लायक नहीं है।
वहीं, मैरा पंचायत के मुखिया अमरजीत यादव-गुणवत्तापूर्ण सड़क निर्माण हेतु वे डीएम के जनता दरबार तक गए, मगर परिणाम ढाक के तीन पात ही निकला। सड़क के सोलिंग का ईट गायब कर कम मिट्टी घटिया गिट्टी आदि डाल कर रोलर नहीं चलाए जाने के कारण अब इस पर पैदल चलना भी कठिन है। उन्होंने आशंका जतायी की कहीं संवेदक बिना सड़क निर्माण के ही राशि डकार तो नहीं गए।