प्लेग माता के पूजन व ध्वाजारोहण के साथ मां काली की पूजा शुरू
खगड़िया, संवाद सूत्र: मनपुरनी मां कालिके मेला एवं पूजा समिति उत्तरी हाजीपुर सन्हौली के द्वारा प्ले
खगड़िया, संवाद सूत्र: मनपुरनी मां
कालिके मेला एवं पूजा समिति उत्तरी हाजीपुर सन्हौली के द्वारा प्लेग स्थान में गुरुवार की देर शाम प्लेग माता के पूजन एवं ध्वाजारोहण के बाद मां काली की प्रतिमा का प्राण-प्रतिष्ठा एवं पूजा-अर्चना की गयी। मीडिया प्रभारी नितिन कुमार उर्फ चुन्नू ने बताया कि वर्षो से यह परंपरा चली आ रही है कि पहले माता प्लेग के पूजन के बाद मां काली की प्राण प्रतिष्ठा व पूजा-अर्चना की जाती है। मंदिर के इतिहास के बारे में कहा कि सवा सौ वर्ष पहले स्थानीय स्व. नंदकिशोर राम ने मां के पिंडा का स्थापना कर पूजा करना शुरू किये जिसमें माता-महात्मा, जगदम्बा, बूढ़ी माई, शीतला माई, गहील माई एवं नाथ बाबा के पिंडा स्थापित किये गये थे। उस समय नीलो देवी भक्तिन के रूप में थी। एकबार क्षेत्र में भयानक प्लेग का प्रकोप आया जिसमें कई लोग मौत के मुंह में समा गये। उसी समय जान-माल की सुरक्षा हेतु भक्तिन के स्वप्न के बाद सदर अस्पताल के सामने प्लेग माता के पिंडा की स्थापना का गहवर बनाया गया और माता का पूजन कर उन्हें मनाया गया। उसके बाद आज तक प्लेग का प्रकोप नहीं हुआ। पहले एक खास जाति के लोग ही यह पूजा करते थे। जब प्रकाश राम पूजा समिति के अध्यक्ष बने तो उन्होंने उस बंधन को तोड़ दिया। आज सभी जाति के लोग मां का पूजन कर लाभान्वित हो रहे हैं। 1984 में सिद्ध तांत्रिक गुरू कार्यानंद शर्मा ने लोगों को बताया कि मंदिर जीर्णशीर्ण है। साथ ही, मां का पूजा भी विधिवत नहीं हो रहा है। इसे दुरूस्त कराया जाए नहीं तो मां का क्रोध का सामना करना पर सकता है। इसके बाद राजेन्द्र वर्मा, किरण कुमार, डॉ. सोहन कुमार सिन्हा, सोहन जायसवाल, अशोक ठाकुर आदि ने मंदिर निर्माण कार्य में जुटे। उन्होंने बताया कि आज सैकड़ों ऐसा भक्त है जिन्हें माता के दरबार में आने से सुख-समृद्धि के साथ ही मनोकामना पूरी हुई है। पिछले तीस वर्षो से मां काली की प्रतिमा स्थापित कर मेला का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर गीत, नृत्य, भजन के साथ ही कवि सम्मेलन आदि कराये जाते हैं जिसमें स्थानीय लोगों के साथ ही पुलिस प्रशासन का सराहनीय सहयोग मिलता रहा है। इसबार भी पटना व कलकत्ता के कलाकारों द्वारा नृत्य एवं संगीत का आयोजन होगा।