अनियंत्रित खान-पान से बढ़ती है बीमारी
खगड़िया, संवाद सूत्र: युवाओं में अनियंत्रित खानपान से विभिन्न तरह के बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है।
खगड़िया, संवाद सूत्र: युवाओं में अनियंत्रित खानपान से विभिन्न तरह के बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। खासकर यूरिक एसिड से लोग की दिनचर्या बदल जाती है। इस तरह से कई प्रकार की बीमारी उत्पन्न होती है। शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डा. आरके तुलस्यान का कहना है कि रेड मीट व हाई अल्कोहल लेने से इसका प्रकोप बढ़ता है। साथ ही खाने के उपयोग में विटामीन सी के रूप में नींबू, संतरा व कॉफी की मात्रा कम लेने से बढ़ता है। साथ ही फ्रुक्टोज, ग्लूकोज की मात्रा स्लाइन के साथ चढ़ाते हैं तो यूरिक एसिड बढ़ने की संभावना रहती है।
क्या होता है यूरिक एसिड बढ़ने से
डा. तुलस्यान कहते हैं कि यूरिक एसीड से किडनी की बीमारी होती है। साथ ही ब्लड यूरिया, गांठ बढ़ जाता है। जिससे ज्वाइंट पेन, हर्ट की परेशानी बढ़ती है। किडनी फेल्योर होने की आशंका बनी रहती है। पेशाब के साथ यूरिक एसिड शरीर से बाहर निकलता है और रूक-रूक कर पेशाब होता है। वहीं कुछ दवा के भी सेवन से यूरिक एसिड बढ़ने की आशंका बनी रहती है। जैसे पेशाब ज्यादा कराने की दवा(लेसिक्स)टीबी बीमारी की दवा पाराजिनामाइड, लो डोज स्प्रीन कम मात्रा में स्प्रीन-डिस्प्रीन लेने से लकवा होने व गांठ में यूरिक एसिड बढ़ जाता है।
सावधानी ही है बचाव
डा. तुलस्यान ने बताया कि अल्कोहल बीयर प्रयोग के साथ ही रेड मीट का प्रयोग नहीं करनी चाहिए। विटामिन सी की मात्रा बैलेंस डाइट के हिसाब से लेनी चाहिए। मरीज पेशाब ज्यादा करने वाले दवा लेसिक्स कम लें। अगर यूरिक-एसिड बढ़ गया हो तो चिकित्सक के सलाह से ही दवा का उपयोग करें।