कोसी में बहा 17 करोड़ का स्टील पाइल ब्रिज
फोटो 19 केएचजे 5
-21वें से लेकर करीब सौ मीटर तक पुल का पाया विलीन
- अंग क्षेत्र सहित पटना से कोसी का कटा संपर्क
- बरसात बाद थी परिचालन शुरू होने की संभावना
जेएनएन, चौथम/बेलदौर (खगड़िया) : कोसी इलाके को अंग क्षेत्र व प्रदेश की राजधानी से जोड़ने वाला कोसी-बागमती के संगम स्थल पर बना स्टील पाइल ब्रिज पानी की तेज धारा में दक्षिणी छोर से 21वें पाया से करीब सौ मीटर तक मंगलवार को बह गया। अब वैकल्पिक व्यवस्था क्या होगी, इसे लेकर क्षेत्रीय लोग काफी चिंतित हैं। वहीं विभागीय अधिकारी सरकार के निर्णय लेने तक कुछ भी बताने में असमर्थता जाहिर कर रहे हैं।
कोसी-बागमती नदियों के जलस्तर में वृद्धि का दबाव एनएच 107 के डुमरी स्थित 640 मीटर लंबा स्टील पाइल ब्रिज सह नहीं पाया और देखते ही देखते करीब 12 बजे दिन में ब्रिज का एक तिहाई भाग नदी में विलीन हो गया। इसके कारण खगड़िया के बेलदौर प्रखंड के अलावा कोसी के इलाकों का सड़क संपर्क अंग क्षेत्र व राजधानी से भंग हो गया है। स्टील पाइल ब्रिज बहने से लोगों में चिंता की लकीरें साफ झलकने लगी हैं। हालांकि, पानी के करंट से पाया कटने के कारण 24 जून को ही इस पर परिचालन बंद कर दिया गया था। लेकिन लोगों को उम्मीद थी कि बरसात बाद फिर से परिचालन शुरू हो जाएगा।
बताते चलें कि 29 अगस्त 2010 को बीपी मंडल सेतु का पाया धंसने के बाद वाहनों के परिचालन पर पूर्णत: रोक लगाने के बाद मई 2011 में वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर 17 करोड़ की लागत से स्टील ब्रिज का निर्माण पुल निर्माण निगम ने करवाया था। समय-समय पर कोसी-बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि होने पर पुल व आवागमन करने वालों की सुरक्षा के लिए ब्रिज पर परिचालन रोक दिया जाता था। पुल बहने से पूर्व ब्रिज से परिचालन चार बार रोका गया था। अंतिम बार नदियों के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए 24 जून 2014 को ब्रिज से वाहनों का परिचालन बंद किया गया था। इसके पहले 07 जून 2011 को ब्रिज का पाया धंस जाने के कारण वाहनों का परिचालन रोक दिया गया था। 10 जून 2012 को जलस्तर में वृद्धि होने पर पुल से वाहनों का आवागमन ठप हो गया था। फिर 2 जुलाई 2013 को ब्रिज का ग्रिप लेंथ घटने के कारण लगभग चार माह बाद नवंबर 2013 में पुल को चालू किया गया था।
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कोट
कोसी-बागमती के संगम स्थल पर नदी के जलस्तर का दबाव ब्रिज पर अधिक हो जाने के कारण पाया संख्या 22 से करीब सौ मीटर की लंबाई में पाया बह गया है। अब वैकल्पिक व्यवस्था क्या होगी, सरकार के निर्देश मिलने के बाद ही कहा जा सकेगा।
-राजकिशोर सिंह, जेई, बिहार राज्य पुल निगम
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कोट
क्षतिग्रस्त बीपी मंडल सेतु के पुनर्निर्माण का टेंडर हो चुका है। आशा है कि अक्टूबर से कार्य प्रारंभ हो जाएगा। स्टील पाइल ब्रिज के बचे हुए हिस्से को बचाने के लिए विभाग को निर्देश दिया गया है।
-राजीव रौशन, जिला पदाधिकारी