पुलिस की इच्छाशक्ति मजबूत होती तो नहीं बढ़ती बात
खगड़िया,संवाद सूत्र: रेल पुलिस की कार्रवाई के प्रति इच्छाशक्ति मजबूत होती तो आज इतनी बात नहीं बढ़ती। रेल पुलिस परिसर में लग रहे अवैध तरीके से वाहनों के खिलाफ कार्रवाई से कतराती रही और संवेदक पुलिस से कार्रवाई कराने को गुहार लगाते रहे।
पार्किंग के संवेदक रानी कुमारी द्वारा 11 मई 2014 को ही आरपीएफ, जीआरपी व स्टेशन प्रबंधक को लिखित जानकारी दे दी थी कि पार्किंग के बगल में अवैध रूप से वाहन लगाए जा रहे हैं। ऐसे वाहन चालकों द्वारा पार्किंग का शुल्क भी नहीं दिया जाता है। संवेदक ने ऐसे आधे दर्जन वाहनों के नंबर भी रेल पुलिस को उपलब्ध कराये थे, मगर कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हो पाया। इधर, सोनपुर मंडल के वरिष्ठ डीसीएम बीएनपी वर्मा ने बताया कि मामले की जांच को लेकर तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। उसमें आरपीएफ इंस्पेक्टर को भी शामिल किया गया है। ऐसे में जांच की विश्वसनीयता भी खटाई में दिखती है। मालूम हो कि संवेदक ने रेलवे के वरीय अधिकारियों को अर्जी देकर कहा है कि आरपीएफ इंस्पेक्टर महीना में बार-बार वाहन मांगते हैं और तेल भी भरवाने को कहते हैं। असमर्थता जताने पर तरह-तरह की धमकी देते हैं और मनमाने तरीके से पार्किंग सेवा को भी उनके द्वारा बंद कर दिया गया है।