परबत्ता में फर्जी शिक्षक नियोजन के नाम पर हुई थी करोड़ों की वसूली
संवाद सूत्र, खगड़िया : बुधवार को माननीय उच्च न्यायालय पटना द्वारा पारित आदेश के आलोक में परबत्ता के नौ शिक्षिकाओं की सेवा समाप्त करते हुए एफआईआर का आदेश दिया गया है। मगर, सूत्रों का कहना है कि गहन जांच हो तो 9 नहीं सौ से अधिक फर्जी शिक्षक अकेले परबत्ता प्रखंड में मिल जाएंगे। फर्जी डिग्री पर शिक्षक की नौकरी देने के नाम पर करोड़ों रूपये की उगाही हुई थी। फर्जी नियोजन से जुड़े शिक्षक दून बहादुर मंडल को दिनदहाड़े नवसृजित प्राथमिक विद्यालय करना में 17 फरवरी 2009 को गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले के अनुसंधान में खुलासा हुआ था कि शिक्षक नियोजन में लेन-देन हत्या के पीछे का बड़ा कारण है। मगर इस ओर किसी ने गंभीरता नहीं दिखाई और बाद के दिनों में अनुसंधान की दिशा ही बदल दी गई।
पुलिस सूत्रों की मानें तो इस कांड के केस डायरी के पेज संख्या 13 के पारा 44 पर अंकित है कि ग्रामीणों से पूछताछ में पता चला कि मृतक दून बहादुर मंडल वर्ष 2006 से शिक्षक के रूप में मध्य विद्यालय कोलवारा में पदस्थापित थे। मृतक का संबंध प्रखंड एवं बीईओ से मधुर रहा है। मृतक के साथ ही पृथ्वीराज भी प्रखंड में दलाली करता था। पुलिस केस डायरी में अंकित है कि इस बार के शिक्षक नियोजन में दूनबहादुर के द्वारा 11 व्यक्तियों का नियोजन प्रखंड शिक्षक में बीईओ एवं बीडीओ से कराया है। सभी पर जांच चल रही है। यह भी अंकित है कि रुपये का लेन-देन मृतक एवं पृथ्वीराज करता था एवं बीईओ को देता था। संभव है कि इन्हीं लेन-देन के चलते किसी ने हत्या कराई हो।
क्या कहते हैं एसडीपीओ
गोगरी एसडीपीओ संजय कुमार झा का कहना है कि मामला पुराना है। संबंधित स्तर से जांच बाद यदि प्राथमिकी की बात होगी तो तो इसे दर्ज करते हुए गहन अनुसंधान की जाएगी।