गर्मी बढ़ा रही बाढ़ पीड़ितों का दर्द
कटिहार। बाढ़ के बीच उमस भरी गर्मी पीड़ितों का दर्द और बढ़ा रही है। गंगा व कोसी नदी के
कटिहार। बाढ़ के बीच उमस भरी गर्मी पीड़ितों का दर्द और बढ़ा रही है। गंगा व कोसी नदी के रौद्र रूप के कारण मनिहारी, अमदाबाद, बरारी, कुर्सेला में बड़ी आबादी प्रभावित हुई है। घर बार जलमग्न होने के कारण लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। बड़ी संख्या में लोग राहत शिविर या सड़क किनारे तंबू टांगकर समय काट रहे हैं। बाढ़ के कारण घर से बेघर होने का गम ऊपर से चिलचिलाती धूप लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गयी है। सबसे अधिक परेशानी नवजात और छोटे बच्चों को लेकर है। तपिश और उमस के कारण बच्चे बीमार होने लगे हैं। सड़क किनारे कड़ी धूप में समय काटना लोगों के लिए दुश्कर हो रहा है। समस्या से ऊब चुके लोग अब तो बस गंगा व कोसी के शांत होने का इंतजार कर रहे हैं।
चादर व पालिथीन के सहारे मुश्किल है गुजारा :
सबसे अधिक समस्या अमदाबाद, कुर्सेला व बरारी प्रखंड के लोगों को है। आवागमन की समस्या दुरूह होने के कारण लोग ऊंचे स्थलों पर चादर टांगकर गुजारा कर रहे हैं। तपती गर्मी से बचने के लिए लोग परिवार के साथ अपने माल मवेशियों के साथ गुजारा कर रहे हैं। बच्चों को धूप से बचाने के लिए कही पेड़ तो कही टूटे भवन में ही उनका गुजारा हो रहा है। लंबे समय से बाढ़ के कारण बेघर परिवार के समक्ष आवास की गंभीर समस्या बनी हुई है। अमदाबाद की बड़ी आबादी शंकर बांध व महानंदा बांध पर शरण ले चुकी है। चारो ओर पानी से घिरे होने के कारण दर्जनों परिवार के लोग नाव को ही आशियाना बना लिया है।
बारिश की बूंदे भी करती है परेशान
तंबू व पोलिथीन टांगकर रह रहे लोगों को उमस के साथ बीच-बीच में हो रही बूंदा-बूंदी भी परेशान करती है। बारिश की आशंका लोगों को परेशान कर रही है। खासकर बांध व सड़क किनारे रहने वाले लोगों की परेशानी हल्की बारिश होने से ही बढ़ जाती है। कई दिनों से घर का चूल्हा नहीं जल रहा है।