प्राथमिकता के बाद भी सीएचडी शुरू नहीं
कटिहार। रेलवे के संपर्क में आने वाले संकटग्रस्त बच्चों की सुरक्षा को लेकर केंद्रीय महिला व
कटिहार। रेलवे के संपर्क में आने वाले संकटग्रस्त बच्चों की सुरक्षा को लेकर केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्रालय तथा रेलवे बोर्ड ने संवेदनशील स्टेशनों पर चाइल्ड हेल्प डेस्क बनाने की योजना तैयार की थी। दूसरे चरण में देश के 20 रेलवे स्टेशनों में बिहार के कटिहार व हाजीपुर स्टेशन को इसमें शामिल किया गया था। मंत्रालय स्तर से सीएचडी को लेकर नियमों में कुछ बदलाव करने के निर्णय के कारण सीएचडी अब तक शुरू नहीं हो पाया है। कटिहार स्टेशन को प्राथमिकता सूची में पहले स्थान पर रखने के बावजूद इस दिशा में अब तक कोई पहल शुरू नहीं हो पाई है। रेलवे परिसर में मिलने वाले अनाथ, बेसहारा एवं दलालों के चंगुल से मुक्त कराए गए बच्चों को पर्याप्त सुरक्षा देने को लेकर सीएचडी बनाया जाना है। बिहार के पटना सहित देश के 26 रेलवे स्टेशनों पर सीएचडी काम कर रहा है। सीएचडी का संचालन बाल संरक्षण एवं अधिकार के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था को रेल पुलिस के साथ समन्वय के साथ कराया जाना है। इसमें स्थानीय प्रशासन का भी सहयोग रहेगा।
क्या है चाइल्ड हेल्प डेस्क
रेलवे के संपर्क में आने वाले बच्चों को सुरक्षा एवं पुनर्वास में सहायता करने को लेकर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग द्वारा न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। न्यायालय के आदेश के बाद रेलवे बोर्ड एवं महिला व बाल विकास मंत्रालय द्वारा संवेदनशील स्टेशनों का चयन कर सीएचडी बनाया जाना था। इसके लिए देश के 46 रेलवे स्टेशनों का चयन किया गया था। पहले चरण में 26 स्टेशनों पर सीएचडी बनाया चुका है। दलालों द्वारा बाल श्रम के नाम पर बच्चों की बढ़ती ट्रैफि¨कग की घटना को देखते हुए यह निर्णय लिया गया था। इसके अतिरिक्त स्टेशन परिसर में रहने वाले अनाथ व बेसहारा बच्चों की देख भाल करने को लेकर यह योजना तैयार की गई थी। चाइल्ड लाइन इंडिया फाउंडेशन के राज्य प्रभारी सुशोभन ने इस संबंध में बताया कि शीघ्र ही चाइल्ड हेल्प डेस्क का काम शुरू हो जाएगा। सीएचडी संचालन के लिए एनजीओ के चयन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।