तीन तलाक के मुद्दे पर गरजे उलेमा
कटिहार। हमारा मजहब, इंसान की हिदायत का जामिन है। यह हर दौर में कानून शरीअत पुख्ता है। यह बातें जमीअत
कटिहार। हमारा मजहब, इंसान की हिदायत का जामिन है। यह हर दौर में कानून शरीअत पुख्ता है। यह बातें जमीअत के जिला सेक्रेटरी हाजी रिजवानुललाह कासमी ने आबादपुर थाना क्षेत्र स्थित चांदपाड़ा चौक में सोमवार को आयोजित जलसे में कही।
इस मौके पर उलेमाओं ने अपनी बात रखते हुए कहा कि भारत विविधताओं का देश है। हमारा संविधान प्रत्येक भारतीय को अपना धर्म व अपनी शरीअत मानने की खुली छूट देता है। अत: ऐसी सूरत में केन्द्र सरकार द्वारा विचार की जा रही कॉमन सिविल कोड के विरूद्ध है। उलेमाओं ने आगे कहा कि मुस्लिम पसर्नल लॉ को भी भारतीय संविधान से मान्यता मिली है तथा तीन तलाक इसके अतंर्गत ही है। अत: इसके विरूद्ध कानून लाना, हमें कतई स्वीकार नहीं होगा। इस मौके पर मौलाना मोइन कौशर, सज्जाद हुसैन, मुफ्ती दिलनवाज रिजवी, मिन्नतुल्लाह हैदरी, हामीद रेजा, अनवारुल हक कासमी, अशरफ अली, सादिक हुसैन, हाफिज व कारी, मो. मिनहाज, मौलाना हारून साहब, कामरेड इम्तियाज, शममुल अंसारी आदि ने भी इस मुद्दे का समर्थन किया।