यहां अल्लाह और ईश्वर को एक मानते हैं लोग, मुस्लिम सजाते हैं माता का दरबार
बिहार के कटिहार जिले में एक जगह एेसी है, जहां के लोग अल्लाह और ईश्वर को एक मानते हैं। यहां मुस्लिम समुदाय के लोग ही माता का दरबार सजाते हैं और साथ मिलकर दुर्गा पूजा करते हैं
कटिहार [नंदन कुमार झा]। शहर के डहेरिया में दुर्गा पूजा के अवसर पर हिंदू और मुस्लिम साथ-साथ सौहार्द के गीत गाते हैं। यहां माता का दरबार मुस्लिम समुदाय के लोग सजाते हैं। इतना ही नहीं पूजा प्रबंधन में भी ये बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं और दोनों संप्रदाय मिलकर दुर्गा पूजा मनाते हैं।
अपनी अनूठी व्यवस्था के चलते डहेरिया का पूजा पंडाल शहरवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है। यहां वर्ष 2004 से माता की पूजा होती रही है और तभी से एकता की यह परंपरा चली आ रही है। पूजा का आयोजन एलडब्लूसी क्लब की ओर से किया जाता है। जिसमें हिंदू और मुसलमानों की एकता और निष्ठा देखते ही बनती है। आस-पड़ोस से आने वाले श्रद्धालुओं की खिदमत में भी मुस्लिम समुदाय के लोग बढ़चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
पूजा की तैयारी के लिए दोनों समुदाय के लोग तीन महीना पहले ही जुट जाते हैं। सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश बांटने वाले इस दरबार में हिंदू के साथ ही बड़ी संख्या में मुस्लिम परिवार के लोग भी मां दुर्गा का दर्शन करने पहुंचते हैं। अपनी खूबियों के चलते यह पंडाल जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को भी आकर्षित करता है।
पूजा समिति के अध्यक्ष सह नगर निगम के उपमहापौर मंजूर खां और महासचिव संजय महतो का कहना है कि सौहार्द के माध्यम से उनकी कोशिश भाईचारा और एकता का संदेश देने की रहती है। आपस में सुख-दुख बांटकर रहने से जीवन ज्यादा सरस होता है। हमारे पूर्वज भी कहते रहे हैं कि अल्लाह व ईश्वर एक हैं। हम लोग बस उसी मंत्र को जन-जन तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
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