दो साल बाद भी नहीं मिली मजदूरी
कथ्टहार। आदेश के बावजूद भी मनरेगा मजदूर को दो साल बाद भी न ही मजदूरी मिला और न ही काम। जी हां यह सच्
कथ्टहार। आदेश के बावजूद भी मनरेगा मजदूर को दो साल बाद भी न ही मजदूरी मिला और न ही काम। जी हां यह सच्चाई है जिले के फलका प्रखंड की एक मनरेगा मजदूर मुमताज का। जो अपने वाजिब मजदूरी के लिए पिछले दो वर्षों से जनप्रतिनिधि के दर व सरकारी कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। फलका सोहथा दक्षिण पंचायत के मजदूर मो. मुमताज ने मजदूरी न मिलने को लेकर दिनांक 23.06.2015 को लोकपाल मनरेगा में अपील दायर की थी। इसमें उन्होंने योजना संख्या 03.12.13 में वन पोषक के के रूप में दिनांक 14 फरवरी 2014 से 01 मार्च 2014 तक मजदूरी करने की बात कही थी। इसमें लोकपाल आयोध्या प्रसाद साह ने वाद में मुमताज का कुल मजदूरी 2592 रूपये सहित 14 प्रतिशत ब्याज के साथ अविलंब मजदूरी भुगतान करने का आदेश प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, मनरेगा, फलका को दिया था। बावजूद इसके इतने लंबे समय बीत जाने के बाद भी उन्हें मजदूरी नहीं मिला है। मनरेगा मजदूरों का यह हाल पूरे प्रखंड में है। अगर मामले की उच्चस्तरीय जांच हुई तो एक बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।
क्या कहते हैं मजदूर : वन पोषक मुमताज का कहना है कि जब लोक पाल का आदेश लेकर आया तो स्थानीय पीआरएस और जेई सादे कागज पर हस्ताक्षर करवाना चाहते थे। इसका विरोध करने पर मजदूरी भुगतान नहीं करने की चेतावनी दी। उनका यह भी शिकायत था कि उक्त योजना में उनके बाद भी दूसरे वन पोषक को मजदूरी का भुगतान किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि पुन: इसकी शिकायत जिला पदाधिकारी के जनता दरबार में किया गया, लेकिन अभी तक उन्हें इंसाफ नहीं मिली है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि पूरे प्रखंड में फर्जी मजदूर दिखाकर सरकारी राशि का बंदरबाट किया जा रहा है और वाजिब मजदूरों को मजदूरी के लिए परेशान किया जाता है।
क्या कहते हैं पदाधिकारी : मामले में मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी नीरज कुमार ठाकुर ने बताया कि मनरेगा एक्ट के मुताबिक 75 पौधा मृत होने पर वन पोषक का मजदूरी भुगतान रोकने का प्रावधान है। उक्त योजना में भी ऐसा किया गया है। इस मामले में विभाग को लिखा गया है।