आमदनी से अधिक गति में बढ़ रही समस्याएं
कटिहार। नगर निगम की आमदनी नहीं बढ़ पाने के कारण संसाधनों की किल्लत के कारण कई तरह की विकास योजनाएं स
कटिहार। नगर निगम की आमदनी नहीं बढ़ पाने के कारण संसाधनों की किल्लत के कारण कई तरह की विकास योजनाएं समय पर पूरी नहीं हो पाती है। पिछले तीन वर्षो के आकलन के मुताबिक प्रति वर्ष औसतन एक अरब का बजट नगर निगम द्वारा पारित किया जाता है। जबकि निगम के आंतरिक आय स्रोतों से महज आठ करोड़ की वसूली हो पाती है। समय पर टैक्स की वसूली नहीं हो पाने के कारण भी राजस्व की उगाही नहीं हो पाती है। जिसका सीधा असर सड़क, नाला निर्माण सहित अन्य नागरिक सुविधाओं जैसे कामों पर पड़ता है। निगम के आय का एक बड़ा स्रोत होल्डिंग टैक्स भी है। लेकिन सही ढ़ंग से सर्वे नहीं हो पाने के कारण निगम को समुचित टैक्स नहीं मिल पाता है। कुछ यही हाल ट्रेड लाइसेंस के रूप में प्राप्त होने वाली आय का भी है। निगम को बंदोबस्ती सहित अन्य स्रोतों से प्राप्त आमदनी का बड़ा हिस्सा वेतन एवं अन्य मद में खर्च करना पड़ता है। विकास कार्यो एवं शहर सौंदर्यीकरण के लिए सरकार से मिलने वाली अनुदान पर ही निर्भर रहना पड़ता है। बढ़ती आबादी एवं नागरिक सुविधा के नाम पर होने वाले खर्च को देखते हुए नगर निगम को अपनी आय का स्रोत बढ़ाने के लिए कुछ अन्य विकल्पों पर भी आने वाले समय में विचार करना पड़ेगा।