अरब का बदरा कोसी में ढा रहा कहर
जासं, कटिहार: कोसी इलाके में कम बारिश होने के कारण कम दवाब का क्षेत्र बनने से अरब सागर होकर आने वाला
जासं, कटिहार: कोसी इलाके में कम बारिश होने के कारण कम दवाब का क्षेत्र बनने से अरब सागर होकर आने वाला बादल और हवा मौसम में अचानक बदलाव कर कहर ढा रही है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण कटिहार, पूर्णिया, अररिया सहित कोसी क्षेत्र के अन्य जिलों के आसमान पर कपासी बादल मंडरा रहा है। बादल के उध्र्वाधर होने के कारण बारिश, वज्रपात और ओलावृष्टि से फिलहाल निजात नहीं मिलेगा। मौसम में अचानक आने वाले बदलाव से खेती को और नुकसान होगा। पिछले एक माह से कपासी बादल के कारण कई जिलों में वज्रपात और ओलावृष्टि क्षेत्र में कहर बरपा रही है। कोसी के इलाके में कम बारिश होने के कारण धरती पूरी तरह सूखी है। मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि नमी नहीं रहने के कारण पश्चिमी विक्षोभ से उठने वाली हवा और बादल इस इलाके में खिचे चले आ रहे है। हवा तेजी से उपर उठने के कारण दवाब कम होने से रूक रूक कर बारिश हो रही है। संभावना जतायी गयी है कि कपासी बादल अभी कुछ दिन और कोसी के आसमान पर मंडराता रहेगा। धूल उपर उठने के कारण बादल के धनात्मक होने के कारण बिना बारिश के भी वज्रपात होगी। दोपहर से लेकर शाम तक क्षेत्र में रूक रूक कर धूल भरी आंधी, बूंदा बांदी और वज्रपात होगा। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक कोसी के इलाके में पहुंचते पहुंचते पश्चिमी विक्षोभ की शक्ति कम हो रही है। इसलिए जान माल पर इसका बहुत असर नहीं होगा। लेकिन इस परिवर्तन से क्षेत्र में कृषि बुरी तरह प्रभावित होगी। स्थानीय कारणों से ताप में वृद्धि के कारण पश्चिमी विक्षोभ कोसी में किसानों को रुलाएगा।