जमीन के लिए बह रहे खून में ब्रोकरों की भी खलनायकी
जागरण संवाददाता, कटिहार : जिले में सरकारी सहित विवादित और पर्चाधारी भूमिहीन परिवारों की जमीन पर भू म
जागरण संवाददाता, कटिहार : जिले में सरकारी सहित विवादित और पर्चाधारी भूमिहीन परिवारों की जमीन पर भू माफियाओं की नजर लगी है। अंचल कार्यालय से साठ गांठ कर जमीन की दलाली में शामिल लोग ऐसी जमीन का न सिर्फ निबंधन कराने में सफल होते हैं,बल्कि नामांतरण तक कराकर खरीद बिक्री के कारोबार में लाखों रूपये की कमाई कर बैठते हैं। इससे भी भू-विवाद गहराता जाता है। भू-विवाद को लेकर होने वाली मारपीट व हत्या के मामले में भी ब्रोकरों की खलनायकी सामने आ चुकी है।
जिले में ऑपरेशन भूमि दखल एवं अभियान बसेरा के तहत भूमिहीन महादलित परिवारों को जमीन मुहैया कराने को लेकर जिला प्रशासन स्तर से ऐसे जमीनों को चिन्हित करने को लेकर सभी अंचल पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया था। हल्का कचहरी से लेकर अंचल कार्यालय से मिली रिपोर्ट में नगर निगम क्षेत्र में आठ एकड़ ऐसे जमीन की पहचान हुयी थी। बिहार सरकार एवं रेलवे की जमीन पर भी भू माफिया द्वारा विभागीय मिली भगत से वर्षो पूर्व जमीन का नामांतरण करा लिया गया था। ग्रामीण एवं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भी विस्थापित परिवार को जहां तहां बसा दिया गया। लेकिन न तो ऐसे परिवारों को जमीन संबंधी पर्चा दिया गया और न ही उन्हें दखल कब्जा दिलाया गया। इतना ही नहीं विवादित जमीनों का नामांतरण ब्रोकरों से मोटी रकम लेकर करने के मामले भी सामने आए। नियम के मुताबिक 27 वर्ष तक जमीन की मालगुजारी नहीं देने पर उस जमीन पर सरकार का दावा बन जाता है। भू माफिया ऐसे लोगों की तलाश करते हैं जिनकी वर्षो पूर्व की रैयती जमीन पर ऐसे मामले बनते हैं। अंचल कर्मियों व पदाधिकारियों की मिली भगत से ऐसे प्लॉट की रजिस्ट्री और दाखिल खारिज करा ली जाती है। हाल ही में जिला पदाधिकारी के निर्देश पर अंचल कार्यालय में नामांतरण के मामलों की जांच में भारी अनियमितता बरते जाने को लेकर तत्कालीन सीओ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गयी थी। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र की विवादित जमीन को औने पौने दाम में खरीद कर पहुंच और पैसे के बल पर दाखिल खारिज के खरीद बिक्री के कारोबार में ब्रोकर लाखों की कमाई करते हैं। सूत्रों के मुताबिक ब्रोकरों को होने वाली कमाई में से कमीशन हल्का कचहरी से लेकर अंचल कार्यालय तक पहुंचता है। कई मामलों में तो एक ही जमीन की रजिस्ट्री दो नामों से करने के मामले सामने आए हैं। भू-विवाद को लेकर हिंसक घटनाओं के पीछे भू-माफिया के भी हाथ होने की बात पुलिस भी स्वीकार चुकी है।