..और दूध के बदले आंसू पीकर ही सो गया छोटू
संसह, कटिहार: सचमुच, यह दिल को झकझोर देने वाला दृश्य था। अमदाबाद थाना क्षेत्र के ढनमनिया गांव में जब
संसह, कटिहार: सचमुच, यह दिल को झकझोर देने वाला दृश्य था। अमदाबाद थाना क्षेत्र के ढनमनिया गांव में जब आज विजय यादव, उनकी पत्नी कमली देवी व पांच वर्षीय पुत्र प्रसन्नजीत की अर्थी उठ रही थी, तो चंद कदमों पर ही एक ढाई साल का बालक माई-माई का शोर मचा जार-जार आंसू बहा रहा था। दरअसल गांव वासी विजय यादव, उनकी पत्नी व एक मासूम बच्चे की हत्या सोमवार को अपराधियों ने कर दी थी। विजय यादव के अन्य पांच संतानें हैं। इसमें सबसे छोटे संतान छोटू कुमार की उम्र फिलहाल ढाई वर्ष से कुछ ज्यादा है। जबकि एक अन्य बच्ची की उम्र भी महज पांच साल है। घटना के बाद से ही हर पल मां के आंचल से लिपटा रहने वाला छोटू की हालत तो बद से बदतर हो गयी है। बालमन इस स्थिति को समझ पाने में भी असमर्थ है। छोटू की वयोवृद्ध दादी अनपी देवी रोते हुए बतायी कि छोटू कभी मां से विलग नहीं सोया था। घटना की रात भी वह मां के ही साथ था। ईश्वर की कृपा से वह लोटते-लोटते बिस्तर पर मां से थोड़ा दूर हो गया था, शायद इसीलिए उसकी जान भी बच गयी। दादी के मुताबिक शाम ढलते ही हर दिन वह मां के पीछे लग गया था। छोटा बच्चा होने के कारण ढाई साल होने के बावजूद उसे मां का दूध पीने की लत लगी हुई थी। जब तक वह मां का दूध नहीं पीता था, तब तक उसे सुलाना दुश्कर था। इस बात को लेकर कभी-कभी विजय छोटू को डांटने भी लगता था, लेकिन दादी छोटू के लिए दीवार बन खड़ी हो जाती थी। दहाड़ मारते दादी ने कहा कि मंगलवार की शाम ढलते-ढलते शायद छोटू की समझ में भी यह आ गया कि अब उसकी माई नहीं रही। वह अपनी मां को माई ही कहता था। बतौर दादी मंगलवार की शाम उसने किसी को सुलाने के लिए तंग नहीं किया। खुद उन्होंने रोटी का एक टुकड़ा उन्हें खिलाने की कोशिश की, लेकिन उसने एक टुकड़ा भी मुंह में नहीं डाला। आंगन में बेटे, बहू व पोते का शव होने के कारण वह भी छोटू पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पायी। रात 11 बजे जब उसे छोटू की याद आयी तो उसने उसे ढूढना शुरु किया। छोटू घर के बरामदे के एक कोने पर जमीन पर ही बेसुध सो रहा था। उनकी मुखाकृति मानो यही कह रही थी कि लो माई.. मैं भी रुठ गया न।