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निजीकरण से प्रभावित होगी रेलवे की गुणवत्ता

जागरण संवाददाता, कटिहार : रेल मंत्री द्वारा पेश रेल बजट में निजी निवेश को बढ़ावा देने एवं निजीकरण की

By Edited By: Published: Fri, 27 Feb 2015 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 27 Feb 2015 01:00 AM (IST)

जागरण संवाददाता, कटिहार : रेल मंत्री द्वारा पेश रेल बजट में निजी निवेश को बढ़ावा देने एवं निजीकरण की ओर कदम बढ़ाए जाने की संभावना को देखते हुए रेलवे में इसका दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। निजीकरण को व्यवसायिक हित में माना जा रहा है। वहीं निजी निवेश एवं एफडीआई के आने से रेलकर्मियों की गुणवत्ता प्रभावित होने एवं सेफ्टी के क्षेत्र में जवाबदेही पर इसका असर होने की संभावना जतायी जा रही है। निजीकरण के कारण समय पर माल ढ़ुलाई एवं नुकसान की स्थिति में दावा का समय पर निबटारा जैसी सुविधा व्यवसायियों को मिलेगी। वहीं निजी हाथों में व्यवस्था जाने से रेल कर्मियों पर आने वाले दवाब से गुणवत्ता प्रभावित होगी। चेंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष विमल सिंह बेगानी ने कहा कि निजीकरण से माल ढ़ुलाई में व्यापारियों को कई तरह की सहूलियत होगी। समय पर तय स्थानों पर सामानों को पहुंचाया जा सकेगा। वहीं सामानों के नुकसान की स्थिति में रेल पदाधिकारियों के कार्यालय का चक्कर लगाने से भी मुक्ति मिलेगी। कई बार माल बुक किए गए स्थान के बजाय दूसरी जगह पहुंच जाने की समस्या से व्यवसायियों को जूझना पड़ता है। निजी हाथों में यह व्यवस्था जाने से माल ढ़ुलाई भी सस्ता होगा। वहीं निजीकरण का विरोध रेलवे इम्पलाइज यूनियन ने किया है। यूनियन के दिनेश पासवान ने कहा कि निजी निवेश के कारण रेल कर्मियों की गुणवत्ता पर असर होगा। वहीं इसका सुरक्षा क्षेत्र में विपरीत असर पड़ेगा। प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप के कारण इसका सीधा असर कर्मियों की जवाबदेही पर पड़ेगा।


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