दबंगों ने महिलाओं से छीने परिवार नियोजन के चेक
संवाद सूत्र, फलका (कटिहार) : जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सरकार विभिन्न प्रकार की लुभावनी योजनाएं चला र
संवाद सूत्र, फलका (कटिहार) : जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सरकार विभिन्न प्रकार की लुभावनी योजनाएं चला रही है। दूसरी ओर फलका में महिलाओं से दबंगों द्वारा डरा धमका कर परिवार नियोजन प्रोत्साहन राशि का चेक छीन कर बदले में घटिया किस्म की दवाई दी जा रही है। जब कुछ लाभार्थियों व परिजनों ने इसका विरोध किया तो दबंगों ने उन्हें जान मारने तक की धमकी दे डाली।
यह घटना जिले के फलका पीएचसी में शनिवार को घटित हुई। लाभार्थियों ने स्थानीय थाना में दबंगों के खिलाफ आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। यह घटना सरकार के प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष विवेकानंद पटेल व अन्य कई जदयू सदस्यों के समक्ष घटी। भंगहा के करमचंद मंडल ने थाना में दिए आवेदन में बताया है कि दिनांक 21 नवम्बर की रात उनकी बेटी रूबी देवी का परिवार नियोजन हुआ था। शनिवार को जब प्रोत्साहन राशि के रूप में एक हजार चार सौ रुपये का चेक मिला तो अस्पताल के सामने वाले धन्नो मेडिकल रूपेश कुमार जबरन चेक ले लिया। विरोध करने पर उनके द्वारा जान मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। आगे इसी गांव के लाभार्थी आरती देवी, विशाखा देवी सहित दर्जनों महिलाओं का चेक छिनकर बदले में घटिया स्तर की दवाई दे दी और कहा कि चेक हम भंजा लेंगे। वहीं विरोध करने पर लाभार्थी रूबी देवी, संजू देवी, मंगनी देवी को चेक वापस कर दिया। यह खेल आशा व स्वास्थ्य कर्मी के मिलीभगत से चल रहा है।
गौरतलब हो कि 21 नवम्बर को कुल 37 बंध्याकरण की गई महिलाओं को अनुदान के रूप में दिए गए चेक में केवल स्वास्थ्य प्रबंधक का हस्ताक्षर था और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का हस्ताक्षर नहीं था। सवाल यहां यह उठता है कि आधा अधूरा चेक वितरण का यह कौन सी प्रक्रिया है और बाद में बिचौलियों द्वारा एक साथ सभी लाभार्थियों का चेक पर प्रभारी का हस्ताक्षर कर कैसे बैंक से भुगतान कर लिया जाता है। यह वितरित चेक एसबीआई फुलडोभी शाखा के नाम से कटा हुआ था। सूत्रों की मानें तो परिवार नियोजन के प्रोत्साहन राशि का लूटखसोट वर्षो से चल रहा था जो सघन जांच के बाद जग जाहिर हो सकता है। मामले में स्वास्थ्य प्रबंधक अविनाश कुमार खुद को निर्दोष बताते हुए उक्त मेडिकल वाले को दबंग बताते हैं। वहीं चिकित्सा प्रभारी पीके सिंह ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि सभी वितरित चेक को निरस्त कर पुन: लाभार्थियों को चेक वितरित की जाएगी तथा जांच कर दोषी आशा को ब्लेक लिस्टेड करते हुए दोषी के विरुद्ध कड़ी कार्यवाई की जाएगी। वहीं बीस सूत्री अध्यक्ष विवेकानंद पटेल, पूर्व मुखिया एतवारी दास, शमशेर आलम, जावेद आलम आदि ने विभाग से निष्पक्ष जांच की मांग की है तथा कार्यवाई न होने पर सड़क पर उतरने की बात कहीं है। जबकि उक्त मेडिकल मालिक रूपेश कुमार से पूछे जाने पर कुछ भी बताने से इंकार किया है।