इंदिरा आवास में खर्च 55 करोड़ पर महालेखाकार ने जताई आपत्ति
-सूबे के 14 जिलों में 2012-13 में इंदिरा आवास मद में खर्च हुई राशि
-महालेखाकार ने उपयोगिता प्रमाणपत्र को त्रुटिपूर्ण बताते हुए किया वापस
-ग्रामीण विकास विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी ने जिलों के डीडीसी को भेजा पत्र
-महालेखाकार के निर्देशानुसार त्रुटिरहित उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजने का निर्देश
विनय कुमार अजय, कटिहार
सूबे के 14 जिलों में वर्ष 2012-13 में इंदिरा आवास मद में लगभग 55 करोड़ रुपये खर्च पर महालेखाकार ने आपत्ति जताते हुए उपयोगिता प्रमाण पत्र लौटा दिया है। महालेखाकार ने इन जिलों से भेजे गए उपयोगिता प्रमाण पत्र को गलत करार दिया है। इसमें टीवी नंबर गलत रहने, स्वीकृत्यादेश संख्या अंकित नहीं रहने/गलत होने आदि शामिल है। इसके बाद ग्रामीण कार्य विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी संजय कृष्ण ने कटिहार, सीतामढी, दरभंगा, शिवहर, कैमूर, पटना, गया, अररिया, नालंदा, जमुई, बांका, भोजपुर (आरा), खगड़िया व मुंगेर जिले के डीडीसी को पत्र भेज कर उपयोगिता प्रमाण में महालेखाकार की आपत्ति को दूर कर दोबारा उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजने का निर्देश दिया है।
डीडीसी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2012-13 में इंदिरा आवास योजना के क्रियान्वयन हेतु योजना के मुख्य शीर्ष 2216 के अन्तर्गत जिलों को राशि आवंटित की गई। इसके विरुद्ध खर्च की गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र निर्धारित प्रपत्र 42ए में महालेखाकार को जमा किया जाना है। इसी प्रसंग में उपलब्ध करवाए गए उपयोगिता प्रमाण पत्र पर महालेखाकार ने जो आपत्ति दर्ज की है उसे दूर कर शीघ्र भेजने का निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
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कोट
महालेखाकार की आपत्ति के बाद उपयोगिता प्रमाण में सुधार किया जा रहा है। इसे जल्द ही भेज दिया जाएगा।
-राधे श्याम साह, डीडीसी, कटिहार।
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किन जिलों में कितनी रकम पर है आपत्ति
कटिहार = 744 लाख
अररिया = 1165 लाख
खगडिया = 10 लाख
मुंगेर = 9 लाख
बांका = 10 लाख
दरभंगा = 761 लाख
सीतामढी = 918 लाख
शिवहर = 21 लाख
पटना = 734 लाख
गया = 220 लाख
नालंदा = 183 लाख
जमुई = 140 लाख
आरा = 13 लाख
कैमूर = 317 लाख
(सभी राशि लगभग में)