जननी के जिम्मे पर्यावरण सुरक्षा का भार
लोगो
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पौधे लगाने से लेकर देखभाल का जिम्मा संभालेगी घर की महिला
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कटिहार के सभी 238 पंचायतों में लगाए जाएंगे 47 लाख पौधे
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वन विभाग से मुफ्त में उपलब्ध करवाए जाएंगे पौधे, मनरेगा से मजदूरी का भुगतान
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गैर मजरुआ, गैर मजरुआ खास, नहर, पोखर, सरकारी जमीन पर वृक्षारोपण की तैयारी
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जिले के प्रत्येक पंचायत में लगाए जाएंगे 20,000 पौधे लगाने की तैयारी
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एक परिवार को वृक्षों की एक ईकाई अर्थात 20 पौधे का होगा आवंटन
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वृक्ष के फल, फूल, सूखी लकड़ी पर होगा देखभाल करने वाले का हक
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कोट
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जिले के प्रत्येक पंचायत में 20 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इस तरह जिले में कुल 47 लाख पौधे लगाने तथा उसकी देखभाल के लिए मनरेगा के तहत मजदूरी का भुगतान किया जाएगा। --- राधेश्याम साह, डीडीसी, कटिहार।
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विनय कुमार अजय/कटिहार जा.सं. : जनसंख्या नियंत्रण के बाद अब पर्यावरण की रक्षा का भार भी महिलाएं उठाएगी। वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए सरकार की घोषणा के अनुसार पौधे लगाने के बाद अब 30 वर्ष तक इसकी देखभाल के लिए वृक्षपालिका के रुप में महिलाओं को नियुक्त किए जाने की योजना है। जो पौधे लगाने से लेकर उसकी देखभाल का जिम्मा संभालेगी। जिले के सभी 238 पंचायतों में 47 लाख पौधे लगा कर पर्यावरण की सुरक्षा की तैयारी है। इसके लिए मनरेगा से मजदूरी का भुगतान किया जाएगा। इसके फल,फूल सहित सूखी लकड़ी पर देखभाल करने वाले लाभुकों का अधिकार होगा।
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मनरेगा से पर्यावरण की सुरक्षा की योजना : वर्तमान में बिहार राज्य के भौगोलिक क्षेत्रफल का 9. 79 प्रतिशत वृच्छादन है। जिसे पांच वर्षो में 15 फीसद करने का लक्ष्य है। जिसके तहत सरकार ने मनरेगा के तहत वृक्षारोपण प्रबंधन में उसकी देखभाल के लिए वृक्ष संरक्षण योजना चलाई जा रही है। इसके अन्तर्गत मनरेगा वृक्षारोपण प्रबंधन के तहत 200 पौधे की एक ईकाई के वार्षिक संपोषण में दस मनरेगा मजदूरों को काम दिया जाएगा। इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे बसर करने वाले प्रति परिवार 20 पौधे का समूह बना कर आवंटन किया जाना है। जिसका उद्देश्य उन परिवारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाते हुए स्थानीय लोगों को वृक्षों के रखरखाव एवं प्रबंधन में सहभागी बनाना है। साथ ही पर्यावरण संरक्षण भी किया जा सकेगा।
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गैर निजी भूमि पर होगा वृक्षारोपण : इस योजना के तहत गैर निजी क्षेत्रों पर मनरेगा अन्तर्गत गैर मजरुआ आम, गैर मजरुआ खास, पंचायती राज संस्थाओं की भूमि, नहर तट, बांध तट, ग्रामीण पथ एवं अन्य जिला पथों के उन सभी वृक्षारोपण पर लागू होगी जहां मनरेगा के तहत वृक्षारोपण किया जाएगा। इसके तहत एक ईकाई में कम से कम चार फीसद जैव विविधता वाले, आठ फीसद फलदार, तथा आठ प्रतिशत काष्ठ जनित वाले पेड़ लगाए जाएंगे। वृक्ष ईकाई के आवंटन अवधि 30 वर्ष की होगी।