एससी-एसटी छात्रों ने निकाला विरोध मार्च
कैमूर। राज्य सरकार द्वारा छात्रवृति कटौती के करने के विरोध में बिहार एससी-एसटी छात्र संघष
कैमूर। राज्य सरकार द्वारा छात्रवृति कटौती के करने के विरोध में बिहार एससी-एसटी छात्र संघर्ष मोर्चा के राज्य व्यापी प्रदर्शन के क्रम में बुधवार को जिला इकाई ने मार्च निकाला। एससी-एसटी छात्र नगर के मुख्य मार्ग से होते हुए जिला समाहरणालय पहुंचे व धरना दिया। धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा गत 16 मई को जारी बिहार सरकार के पत्रांक 4061 के आदेशानुसार एससी-एसटी छात्रों के छात्रवृत्ति में भारी कटौती की गयी है। नए आदेश के अनुसार तकनीकी व अन्य व्यवसायिक कोर्स की पढ़ाई करने वाले एससी-एसटी के प्रवेशिकोत्तर छात्रों के छात्रवृत्ति में उन्हें डेढ़ लाख प्रतिवर्ष के बदले दो से 15 हजार देने का निर्णय लिया गया है। कहा कि इस कटौती से एससी-एसटी छात्रों का तकनीकी व व्यवसायी कोर्स की पढ़ाई करना असंभव हो जाएगा, क्योंकि इस समाज के आर्थिक रूप से काफी कमजोर हैं। छात्रों ने कहा कि एससी-एसटी छात्रों की छात्रवृति में कटौती करने से वे आजादी पूर्व के जीवन में जीने को मजबूर हो जायेंगे। सरकार का यह निर्णय अलोकतांत्रिक व लोककल्याणकारी राज्य के भावना के विपरीत है। अगर बिहार सरकार इस निर्णय को तत्काल वापस नहीं लेती है तो एससी-एसटी छात्र संघ बड़े पैमाने पर आंदोलन करेगा। छात्रों ने कहा कि बिहार सरकार अब एससी-एसटी छात्र-छात्राओं को अशिक्षित व बेरोजगार बनाना चाहती है। दलितों व आदिवासियों को शिक्षा से वंचित कर रही है। विरोध मार्च में दिनेश पाल, दिवाकर राम, पप्पू पासवान, राधेश्याम सिंह, जितेन्द्र सिंह, युवराज भानू, दिलीप कुमार, शत्रुघन कुमार सहित बड़ी संख्या में एससी-एसटी छात्र संघ के सदस्य शामिल थे।