सिर्फ फाइलों में चल रहा मोहनियां के कल्याण पदाधिकारी का नाम !
कैमूर। जिनके उपर आम-आवाम के कल्याण का दायित्व है वे अपने कल्याण में लगे हैं।
कैमूर। जिनके उपर आम-आवाम के कल्याण का दायित्व है वे अपने कल्याण में लगे हैं। कल्याण विभाग के इस खेल से लोग भौचक है। बीडीओ अरूण सिंह ने बताया कि मोहनियां में एक साल से अधिक अवधि से प्रखंड कल्याण पदाधिकारी के पद पर मुकेश कुमार तैनात है। आश्चर्य की बात यह है कि उक्त पदाधिकारी ने आज तक मोहनियां में योगदान हीं नहीं किया। बिना बीडीओ की अनुपस्थिति विवरणी के उन्हें जिला कल्याण पदाधिकारी कार्यालय से प्रति माह नियमित रूप से वेतन भुगतान हो रहा है। इस संबंध में बीडीओ ने बताया कि सूत्रों से जानकारी मिलने के बाद वे भी दंग है। एक वर्ष से अधिक अवधि से मोहनियां में मुकेश कुमार बतौर प्रखंड कल्याण पदाधिकारी के पद पर तैनात है। लेकिन किसी ने उनको नहीं देखा। ऐसे में वे कहां है यह आश्चर्य की बात है। कल्याण पदाधिकारी की भूमिका महत्वपूर्ण है। जन कल्याण की योजनाओं से संबंधित कार्य के लिए कल्याण पदाधिकारी की नियुक्ति होती है। आज तक मनोज कुमार ने मोहनियां में योगदान हीं नहीं किया। लेकिन उन्हें जिला कल्याण पदाधिकारी कार्यालय भभुआ से नियमित वेतन भुगतान किस आधार पर हो रहा है यह समझ से परे हैं। जबकि प्रखंड कार्यालय में तैनात पदाधिकारियों की अनुपस्थिति जिले में भेजना होता है। सिर्फ कागज में मोहनियां के कल्याण पदाधिकारी कार्यरत है। धरातल पर उनका पता हीं नहीं। यह गंभीर मामला है। एक पदाधिकारी साल डेढ़ साल से अपने पदस्थापन स्थान पर नजर नहीं आए और वेतन ले रहा हो। पदाधिकारियों के अभाव में प्रखंड के विकास संबंधी कार्यो के निष्पादन में परेशानी होती है। विधि व्यवस्था में भी पदाधिकारियों को बतौर दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त किया जाता है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बीडीओ ने कैमूर के जिलाधिकारी को पत्र प्रेषित किया है। जिसमें उक्त बातों का जिक्र करते हुए पदस्थापन अवधि से उक्त प्रखंड कल्याण पदाधिकारी का वेतन स्थगित करते हुए उनके विरूद्ध कार्रवाई करने की बात लिखी है। बीडीओ ने कहा कि यह घोर लापरवाही व अनुशासन हीनता मामला है।