पेज तीन या पांच, एमडीएम का लोगो लगा लेंगे
कैमूर । जिले में सरकार की महत्वाकांक्षी योजना एमडीएम को चलाने को ले विद्यालयों में भोजन बन
कैमूर । जिले में सरकार की महत्वाकांक्षी योजना एमडीएम को चलाने को ले विद्यालयों में भोजन बनाने के लिए किचेन शेड बनाना अनिवार्य है। लेकिन जिले के 121 विद्यालयों में आज तक किचेन शेड का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। जिसके चलते आज इन विद्यालयों में किचेन शेड के अभाव में खुले में एमडीएम भोजन बनाया जाता है। जिससे खाना में जहरीले जीव-जन्तुओं के पड़ने के अलावा भोजन को प्रदूषित होने की आशंका रहती है। बता दे कि सरकार के द्वारा स्कूलों में मानक के अनुसार एमडीएम बनाये जाने का निर्देश भी दिया गया है। परंतु उसके अनुरूप स्कूलों में एमडीएम योजना में सुधार होता नहीं दिख रहा है। पदाधिकारियों की जांच के दौरान कभी मेनू के अनुसार खाना नहीं बनने, तो कभी चावल, दाल व सब्जी में गड़बड़ी की शिकायत मिलती रहती है।
एमडीएम योजना का खाना 121 विद्यालयों अभी भी खुले आसमान के नीचे बन रहा है। क्योंकि अभी सभी प्राथमिक विद्यालयों में किचेन शेड नहीं बन पाये हैं। खाना बनाने के दौरान काफी सतर्कता के बाद भी रसोईयों को इस बात का भय बना रहता है कि कहीं कुछ गिर न जाये। उनकी माने तो खुले में एमडीएम बनाने के दौरान आंधी तूफान के दिनों में काफी परेशानी होती है। जिससे बच्चों को एमडीएम से वंचित होना पड़ता है। जिला एमडीएम कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिला में कुल 1203 प्रारंभिक विद्यालय है। जिनमें अब तक 1080 विद्यालयों में किचेन शेड का निर्माण कराया गया है। जबकि 121 स्कूलों में किचेन निर्माण नहीं हो सका है।
क्या कहते हैं पदाधिकारी - एमडीएम पदाधिकारी अमेरिका प्रसाद ने कहा कि कुछ विद्यालयों के पास एमडीएम किचेन शेड के लिए जमीन नहीं है। इसके अलावा राशि के नहीं होने की वजह से किचेन शेड का निर्माण कार्य बाधित है।
प्रखंडों में बिना किचेन शेड वाले विद्यालयों की संख्या
1.रामपुर - 16
2.रामगढ़ - 4
3.नुआंव - 5
4.मोहनियां - 20
5.कुदरा - 14
6.दुर्गावती - 3
7.चांद - 11
8.चैनपुर - 12
9.भगवानपुर - 6
10.भभुआ - 28
11.अधौरा - 3