मौत पर मुआवजे का मरहम
कैमूर। गेहुंआ दुर्घटना में मृत महिलाओं के परिजनों को सोमवार को जिला प्रशासन द्वारा अनुग्रह राशि का च
कैमूर। गेहुंआ दुर्घटना में मृत महिलाओं के परिजनों को सोमवार को जिला प्रशासन द्वारा अनुग्रह राशि का चेक प्रदान किया गया। सीओ ने स्वयं पीड़ित परिवार से मिलकर राशि का चेक प्रदान किया। जिला प्रशासन की पहल से 48 घंटे के अंदर अनुग्रह राशि मिलने से पीड़ित परिवार के जख्मों पर मरहम जरूर लगा, लेकिन दर्द कितना कम हुआ कहा नहीं जा सकता।
विदित हो कि थाना क्षेत्र के चौरी पंचायत के गेहुआं गांव में शनिवार की गांव के गली में जर्जर मकान की दीवार गिरने से शौच से लौटते समय दो महिलाओं व एक बालिका की मौत हो गई। इस घटना में शंकर सिंह की पत्नी सुशीला देवी, विनोद सिंह की पत्नी आशा देवी तथा उनकी पुत्री 12 वर्षीय ज्योति कुमारी की मौत हो गई तथा बिजेन्द्र सिंह की पत्नी माया देवी घायल होकर चंदौली के एक अस्पताल में जीवन व मृत्यु के बीच संघर्ष कर रही है। घटना की जानकारी होते ही डीएम प्रभाकर झा व एसपी एम सुनील कुमार नायक ने रात में ही मौके पर पहुंचकर न सिर्फ लोगों के दर्द को बांटा बल्कि तत्काल व्यवस्था कराकर शव का पोस्टमार्टम भी कराया। साथ ही तत्काल आर्थिक सहायता मुहैया कराने का वायदा भी किया।
वायदा के अनुसार जिलाधिकारी ने घटना की सूचना सरकार को देते हुए अनुग्रह राशि देने की स्वीकृति प्राप्त की। उनके निर्देश पर सोमवार को सीओ चांद मनोज कुमार दुबे ने गेहूआं गांव पहुंचकर मृत सुशीला देवी के पति शंकर सिंह, मृत आशा देवी के पति विनोद सिंह व मृत ज्योति कुमारी के पिता विनोद सिंह को प्रति मृतक चार - चार लाख का चेक प्रदान किया। इस मौके पर अन्य ग्रामीण व प्रतिनिधि मौजूद थे। पीड़ित परिवार के प्रति प्रशासन की पहल को आम लोग भी सराह रहे हैं।
इंसेट
- जीवन की कीमत लगाती व्यवस्था !
13बीएचयू 9, 11
-मकान गिरने से '13' माह में '13' की मौत
- क्षतिग्रस्त मकान नहीं किए गए चिंहित
- गेहुआं की घटना नहीं है अंतिम
ब्रजेश कुमार, भभुआ: गेंहुंआ की घटना के बाद जिला प्रशासन ने रिस्पांस दिखाते हुए पीड़ित परिवार को अनुग्रह राशि 48 घंटे के अंदर उपलब्ध करा दी। विदित हो कि गत 13 माह में मकान या दीवार गिरने से 13 लोगों की मौत हुयी है। प्रशासन ने हर बार पीड़ित परिवार को अनुग्रह राशि उपलब्ध करा अपने कर्तव्य की इति श्री मान ली। भविष्य में इस तरह की दुर्घटना ना हो इसे ले कोई पहल नहीं हुयी। अप्रैल माह में आये भूकंप के बाद आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जिले भर में क्षतिग्रस्त घरों को चिंहित करने की बात कही गयी। सभी सीओ प्रखंडों के सीओ को निर्देश भी जारी किया गया। परंतु इस दिशा में क्या कार्यवाही हुयी, इसे बताने में अधिकारी टाल-मटोल करते नजर आते हैं।
विदित हो कि गत 21 जून 2014 को भभुआ प्रखंड के खैरा गांव में एक शादी समारोह में छत का छज्जा गिरने से छह लोगों की मौत हो गयी थी। वही भभुआ नगर के वार्ड 14 में गत मार्च में घर का छज्जा गिर जाने से चार लोगों की मौत हो गयी थी। जबकि 11 जून की रात्रि चांद थाना के गेहुंआ गांव में दीवार गिरने से एक बच्ची समेत तीन महिलाओं की मौत हो गयी।
प्रशासन ने इन मामलों में मुआवजे का मरहम तो लगाया, परंतु फिर इस तरह की घटना ना हो इस दिशा में कुछ करते नहीं दिखा। वार्ड 14 के महादलित बस्ती में कई मकान क्षतिग्रस्त है परंतु उन्हें आज तक चिंहित नहीं किया गया। गेहुंआ गांव में भी कई मकान गिरने की स्थिति में हैं, परंतु उन्हें ले कोई चिंता प्रशासनिक अमले में नहीं दिखती।
मकान छोड़िए यहां स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र तक क्षतिग्रस्त मकानों में चल रहे हैं। गेहुआं गांव में एक निजी विद्यालय तक क्षतिग्रस्त भवन में चल रहा है, वही शहर के वार्ड सात के दलित बस्ती में आंगनबाड़ी केंद्र क्षतिग्रस्त मिट्टी के मकान में चल रहा है। परंतु इसे ले कोई सचेत नहीं दिख रहा है। यदि कोई दुर्घटना होती है तो फिर क्या मुआवजा बंटेगा। कोई इन रहनुमाओं से पूछे कि जान की क्या कोई कीमत होती है, या जीवन अब अनमोल नहीं रहा!
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क्या अब जगेगा प्रशासन
- मांगी गई उपाय व संसाधन की जानकारी
संस भभुआ (कैमूर): आकस्मिक आने वाली आपदा की चुनौती का सामना करने के लिए प्रशासनिक महकमा क्या अब जगेगा। प्रशासनिक सूत्रों की माने तो ऐसे आपदा के लिए जिलाधिकारी प्रभाकर झा ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों से जानकारी एकत्र करने का निर्देश दिया है। बताया जाता है कि प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी अपने मातहतों के जरिये गांव - गिरांव क्षतिग्रस्त भवनों, दीवारों में पड़ी दरारें व आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थलों को चिन्हित कर इसकी सूचना वरीय पदाधिकारी को देंगे। मिली जानकारी के मुताबिक बाढ़, आगलगी, सड़क दुर्घटना व अन्य आपदा के समय उपयुक्त होने वाले संसाधनों की भी जानकारी एकत्रित की जा रही है। मालूम हो कि त शनिवार की शाम चांद के एक गांव में क्षतिग्रस्त दीवार गिरने से एक ही परिवार के तीन महिलाओं की मौत हो गई थी।