पशुपालन विभाग के पास गला घोंटू रोग का वैक्सीन नहीं
कैमूर। जिले के पशुपालकों के सामने बड़ा संकट मंडराता दिखाई पड़ रहा है क्योंकि बरसात के दिनों में पशुओं
कैमूर। जिले के पशुपालकों के सामने बड़ा संकट मंडराता दिखाई पड़ रहा है क्योंकि बरसात के दिनों में पशुओं में होने वाले गला घोंटू रोग के बचाव के वैक्सीन अब तक उपलब्ध नहीं है। जबकि यह रोग बरसात के दिनों में पशुओं में जीवाणु के माध्यम से फैलता है। इस संबंध में पूछे जाने पर जिला पशुपालन पदाधिकारी डा. त्रिवेणी शर्मा ने बताया कि जिले में गला घोंटू रोग के बचाव के लिए वैक्सीन अभी तक उपलब्ध नहीं है। उन्होंने वैक्सीन उपलब्ध कराये जाने के लिए राज्य मुख्यालय को पत्र लिखकर अवगत कराया गया है। श्री शर्मा ने कहा कि वैक्सीन उपलब्ध होते ही शिविर लगाकर पशुओं में गला घोंटू रोग के बचाव के लिए टीकाकरण किया जायेगा।
क्या है गला घोंटू रोग -
पशुओं में यह रोग जीवाणु के माध्यम से फैलता है। बरसात शुरू होते ही जीवाणु का फैलाव तेजी से होता है। इस बीमारी से गला और जीभ फूल जाती है। मुंह से लार टपकने लगता है। पशुओं को सांस लेने में परेशानी होती है। जिस कारण एक प्रकार की आवाज निकलती है। शारीरिक तापमान 106 फारेनहाइट तक हो जाता है। दम घुटने से पशु की मौत हो जाती है। इसलिए इस रोग के बचाव के लिए समय से टीका लगाया जाना आवश्यक है।
क्या कहते हैं पशु पालन पदाधिकारी - जिला पशु पालन पदाधिकारी डा. त्रिवेणी शर्मा ने बताया कि जिले में लगभग 1 लाख 99 हजार 94 गायों की संख्या है। जबकि भैंसों की संख्या 2 लाख 86 हजार 98 है। यह विचारणीय प्रश्न है कि इतनी बड़ी संख्या में पशुओं को वैक्सीन कैसे लगायी जायेगी।